जानें Dragon Fruit यानि कमलम के फायदों के बारे में

न्यूज डेस्क (यामिनी गजपति): भारतीय बाजारों में आजकल विदेशी फलों की मांग में लगातार इजाफा होता जा रहा है। कीवी और कमलम (Dragon Fruit) की बिक्री में इस दौरान काफी बढ़ी है। ये उस समय सुर्खियों में छाया जब गुजरात के मुख्यमंत्री ने इसका भारतीय नाम रखा। लोगों की दिलचस्पी इसके बारे में जानने के लिए काफी बढ़ी। इसका वैज्ञानिक नाम हिलोसेरस अंडस है। ये ज़्यादातर निकारागुआ, मेक्सिको, ग्वाटेमाला, अल सल्वाडोर और कोस्टारिका (Costa Rica) में उगाया जाता है फिलहाल भारतीय बाजारों में इसकी दो किस्में उपलब्ध है एक सफेद गूदे वाला और दूसरे लाल गूदे वाला।

इसके फूल ज्यादातर रात में खिलते हैं। जो कि काफी सुगंधित होते हैं। सुबह होते होते झड़कर गिर जाते है। फल का बाहरी आवरण कांटेदार होने के कारण इसे ड्रैगन फ्रूट नाम दिया गया है। लगाए जाने के बाद इसका पौधा 5 साल में फल देता है। जिसके बाद नियमित अंतराल पर ये 2 से 3 सालों के भीतर फल देता रहता है। इसलिए इसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेहद ज्यादा है। इसमें कई सारे खनिज तत्व और एंटी-ऑक्सीडेंट्स (Anti-oxidants) होते है। जो इंसानी शरीर के लिए काफी मददगार है। बाज़ार में इसकी कीमत 500 से 600 रुपये प्रति किलोग्राम है। प्रति पीस इसकी कीमत 75 से 120 रूपये के बीच हो सकती है।

Dragon Fruit/कमलम के फायदे

  • इसमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। जिससे इम्यून सिस्टम काफी मजबूत होता है, साथ ही कई तरह के इंफेक्शन और बीमारियों से बचने में भी बड़ी मदद मिलती है। इसमें पाया जाने वाला पानी डिटॉक्सिफिकेशन के काम आता है। साथ ही आयरन और फाइबर भी हेल्थ मेंटेन करने का काम करता है।
  • ड्रैगन फ्रूट में फाइबर यानी कि रेशा बड़ी मात्रा में होता है। जिससे डायबिटीज कंट्रोल और मैनेजमेंट में काफी मदद मिलती है। इसके फाइबर शुगर लेवल को स्टेबल करने के साथ इंसुलिन स्राव जिससे सुगर स्पाइक को रोकने में सहायता मिलती है।
  • ड्रैगन फ्रूट के बीजों में ओमेगा-3, ओमेगा-6 और पॉलीअनसैचुरेटेड फैट पाए जाते हैं। जो कि कोलेस्ट्रॉल के लिए अच्छा माना जाता है। रोज के खानपान में इसे शामिल करने से हार्ट को हेल्दी बनाए रखने में काफी मदद मिलती है।
  • इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कैंसर सेल के प्रोडक्शन को रोकने में काफी मदद करते हैं। इसकी क्रोटीन एंटी-कार्सिनोजेनिक क्वीलिटी ट्यूमर का खात्मा करने में काफी कारगर मानी गयी है।
  • इसमें मौजूद ओलिगोसैकराइड (रासायनिक तत्व) के प्रोबॉयोटिक गुण आंत में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाने में मदद करते हैं। जिससे डाइजेशन सिस्टम हैल्थी रहता है।

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