न्यूज डेस्क (यर्थाथ गोस्वामी): अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami) हिंदूओं का प्रमुख त्योहार है, जिसमें मातायें अपने बच्चों की भलाई के लिये उपवास रखती हैं। त्यौहार को ‘अहोई आठे’ के तौर पर भी जाना जाता है, अहोई अष्टमी कार्तिक मास (Kartik Maas) की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनायी जाती है। इस साल भारत में अहोई अष्टमी 17 अक्टूबर को मनायी जायेगी।
सुबह 4 बजे के आसपास चंद्रमा को देखने के बाद सख्त उपवास किया जाता है और रात में तारों को देखकर उपवास तोड़ा जाता है। पूजा के दौरान महिलायें भी पानी पीने से परहेज करती हैं। अहोई अष्टमी उन महिलाओं द्वारा भी मनायी जाती है, जो संतान प्राप्ति की इच्छा रखती है। वो उपवास रखती हैं और अहोई माता से उनके आशीर्वाद के लिये प्रार्थना करते हैं।
द्रिकपंचांग (Drikpanchang) के मुताबिक इस दिन मातायें अपने पुत्रों की भलाई के लिये सुबह से शाम तक उपवास रखती है। हालांकि आधुनिक समय में ये व्रत पुत्रों के साथ-साथ पुत्रियों की भलाई के लिये भी किया जाता है। अहोई अष्टमी त्यौहार करवा चौथ (Karva Chauth) के समान है, जिसके दौरान महिलायें अपने पति के लिये एक दिन का उपवास रखती हैं और चंद्रमा को देखने के बाद ही व्रत का पारायण करती है। ये व्रत उत्तर भारत (North India) में ज्यादा लोकप्रिय है और दिवाली महापर्व (Diwali Festival) की शुरूआत का भी प्रतीक है। इस दिन मथुरा के श्रीधाम राधाकुंड (Shridham Radhakund of Mathura) में संतान प्राप्ति के लिये विशेष स्नान का भी अवसर होता है। इस मौके पर संकल्प लेकर कुम्हड़ा दान कर स्नान करने से कृपामयी श्रीमति राधारानी की कृपा से यशस्वी संतान का प्राप्ति होती है। इस स्नान में हिस्सा लेने के लिये देशभर से लोग राधाकुंड पहुँचते है।
अहोई अष्टमी 2022 शुभ मुहूर्त:
इस साल अहोई अष्टमी व्रत 17 अक्टूबर 2022 को मनाया जायेगा।
अहोई अष्टमी 2022 पूजा मुहूर्त: 05:34 सांयकाल से 06:47 सांयकाल
अष्टमी तिथि प्रारम्भ: 11:59 पूर्वाह्न, 17 अक्टूबर 2022
अष्टमी तिथि समाप्त: 02:27 अपराह्न, 18 अक्टूबर 2022
अहोई आठे पर चंद्रोदय का समय: 11:26 रात्रि
सांझ (शाम) सितारों को देखने का समय: 05:56 गोधूलि बेला