Kisan Andolan: प्रदर्शनकारी किसानों ने ज़बरन फ्री करवाया केजीपी टोल नाक़ा, दी आंदोलन तेज करने की धमकी

न्यूज डेस्क (श्री हर्षिणी सिंधु): तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर बीते 26 नवंबर से लगातार किसान आंदोलन (Kisan Andolan) चल रहा है। जहां हजारों की तादाद में प्रदर्शनकारी किसान अभी भी अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं। इसी क्रम में प्रदर्शनकारी किसानों ने एक बार फिर से केजीपी यानि की कुंडली-गाज़ियाबाद-पलवल एक्सप्रेसवे का टोल नाका (KGP Expressway Toll Collection Point) फ्री करवा दिया। साथ ही टोल वसूल रहे कर्मचारियों को टोल बूथ से ज़बरन बाहर निकालकर टोल टैक्स ना वसूलने की धमकी दी। मौके पर पहुंचे प्रदर्शनकारियों ने टोल प्लाजा के संचालकों को कहा कि, जब तक आंदोलन चल रहा है तब तक टोल प्लाज़ा को टोल फ्री रखा जाये। किसी से टोल टैक्स ना वसूला जाये।

गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा ने बीते साल दिसंबर महीने में सभी टोल फ्री कराने का ऐलान किया था। जिसके बाद दिल्ली-एनसीआर में ज्यादातर टोल प्लाजाओं पर टोल टैक्स वसूलने की कवायद ज़बरन रुकवा दी गयी। 26 जनवरी को लाल किले पर हिंसक हुए किसान आंदोलन के बाद ये कवायद कमजोर पड़ने लगी। जिसके बाद एक बार फिर से फरवरी महीने की शुरुआत के साथ किसान मोर्चा ने अपनी इस योजना को अमलीजामा पहनाने की शुरूआत की।

इसी क्रम में जीटी रोड पर बने और इससे सटे कई प्रमुख रास्तों पर टोल टैक्स वसूलना रोक दिया गया। दूसरी केजीपी पर टोल नाके को चालू रखा गया। टैक्स कलेक्शन का काम जारी रखने की खबर मिलते ही आंदोलनकारी किसानों का एक जत्था केजीपी टोल पर पहुँचा और बलपूर्वक वहां के कामकाज़ को ठप्प कर दिया। और साथ ही आगे टैक्स वसूल ना करने की धमकी दी।

बता दें कि यूपी बॉर्डर को छोड़कर हरियाणा-दिल्ली की सीमा पर लगातार युवा प्रदर्शनकारी कुछ ना कुछ ऐसी कवायदों को अंजाम देते हैं। जिससे दूसरे आंदोलनकारी बेबस हो जाते हैं। इसी क्रम में कभी-कभार रास्तों को बंद कर दिया जाता है, केंद्र सरकार के खिलाफ गलत भाषा का इस्तेमाल करते हुए नारेबाजी भी की जाती है। जिसकी वजह से कई सीनियर किसान नेताओं को आगे आना पड़ता है ताकि आंदोलन को उग्र होने से बचाया जा सके।

हाल ही में किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) को संबोधित करके लौट रहे भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत पर कटक गुरुद्वारे के सामने हमला करने की कोशिश की गयी। हमलावरों की पहचान देवसेना के वर्करों के तौर पर हुई। इस प्रकरण में किसान नेता राकेश टिकैत को किसी तरह की चोटें नहीं आयी। इस दौरान करीब आधे घंटे तक मौके पर अफरातफरी के हालात बना रहा, जिस पर लोकल पुलिस ने जल्द ही काबू पा लिया।

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