North Korea के तेवरों को लेकर शी जिनपिंग से बात करेगें जो बाइडेन

एजेंसियां/न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): संयुक्त राज्य के राष्ट्रपति सोमवार (14 नवंबर 2022) को अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग से उत्तर कोरिया (North Korea) की जंगी मंशा पर लगाम लगाने के लिये कहेंगे और चीनी नेता को चेतावनी देंगे कि प्योंगयांग (Pyongyang) के हथियारों का बढ़ता प्रोडक्शन एशिया में अमेरिकी सैन्य में इज़ाफा लायेगा। मामले पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन (Jake Sullivan) ने कहा कि जी 20 शिखर सम्मेलन के मौके पर शी के साथ बैठक में बिडेन उन्हें बतायेगे कि चीन किस तरह उत्तर कोरिया की हरकतों को रोक सकता है।

उत्तर कोरिया ने साल 2017 के बाद पहली बार परमाणु बम परीक्षण फिर से शुरू करने की योजना बनायी है और रॉयटर्स के मुताबिक संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) मामले को लेकर चिंतित है और मानता है कि चीन और रूस (China and Russia) के पास इसे रोकने की कुव्वत है। इसके अलावा बाइडेन शी को बतायेगें कि अगर उत्तर कोरिया इसी रास्ते पर कायम रहता है तो इसका सीधा सा मतलब ये होगा कि ना चाहते हुए भी अमेरिकी सैन्य बलों की मजबूत तैनाती इलाके में करनी पड़ेगी। अमेरिकी सेना की मौजूदगी क्षेत्र के शक्ति संतुलन पर खासा असर डालेगी।

वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि बाइडेन चीन पर मांग नहीं रखेंगे बल्कि शी को अपने नज़रिये के बारे में बतायेगें।  एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक सुलिवन इस हफ़्ते के आखिर में क्षेत्रीय आसियान बैठक (ASEAN Meeting) के लिये कंबोडिया (Cambodia) जाने वाले एयर फ़ोर्स वन में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिये है क्योंकि उत्तर कोरिया न सिर्फ संयुक्त राज्य अमेरिका के लिये, न सिर्फ दक्षिण कोरिया और जापान के लिये बल्कि पूरे क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिये पैदा होने वाले संभावित बड़े खतरे की अगुवाई करता है।”

अमेरिकी राष्ट्रीय सलाहकार सुलिवन ने आगे इस मुद्दे पर दोहराया कि- ये बेशक उन पर निर्भर है कि क्या चीन उत्तर कोरिया पर और दबाव बनाना चाहता है। उत्तर कोरिया जल्द ही परमाणु बम का परीक्षण करने और अपनी मिसाइल क्षमताओं का तेजी से विस्तार करने के लिये पूरी तरह तैयार है। मौजूदा हालातों में उसकी मिलिट्री ऑप्रेशनल कवायदों काफी जोरों पर है”।

संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर से लगाये गये अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध उत्तर कोरिया के शस्त्रागार पर लगाम लगाने में पूरी तरह नाकाम रहे हैं। इस साल उत्तर कोरिया ने रिकॉर्ड हथियारों का परीक्षण किया है। जिसमें खासतौर से अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों (Intercontinental Ballistic Missiles) का परीक्षण भी शामिल है, जिसकी जद में पूरा अमेरिका शामिल है।

चीन और रूस ने 2017 में उत्तर कोरिया के सबसे हालिया परमाणु परीक्षण के बाद संयुक्त राष्ट्र के कड़े प्रतिबंधों का समर्थन किया, उन्होंने उत्तर कोरियो के बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च पर इसी साल मई महीने में अमेरिकी प्रतिबंधों और लगाम लगाने वाली कार्रवाईयों को खारिज कर दिया। दोनों देशों पर अमेरिकी अधिकारियों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों को गलत करार देते हुए प्योंगयांग के मिसाइल और बम कार्यक्रमों का समर्थन किया।

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