Israel Palestine Crisis: युद्धविराम के बीच इजरायली पुलिस ने अल-अक्सा मस्जिद पर बोला धावा

एजेंसियां/न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): इज़राइली पुलिस (Israel Police) ने पूर्वी यरुशलम में अल अक्सा मस्जिद में धावा बोल दिया। शुक्रवार की नमाज के बाद इस्राइली अधिकारियों पर पत्थर और बम फेंकने वाले फिलिस्तीनियों पर जमकर आंसू गैस के गोले दागे गये। ये घटना संघर्ष विराम के महज़ कुछ घंटों बाद हुई। इजरायल और फिलिस्तीनी चरमपंथी समूह हमास लगातार 11 दिनों से एक दूसरे पर हवाई हमले कर रहे थे। मिस्र की मध्यस्थता के बाद दोनों के देशों के बीच सीज़ फायर का ऐलान किया गया है।

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार (21 मई 2021) को दोपहर के समय हज़ारों फ़लस्तीनी शुक्रवार की नमाज़ के लिए मस्जिद अल अक्सा के चारों ओर पेड़ों से घिरे परिसर में जमा हो गए। कई लोग गाजा पट्टी में फिलीस्तीनियों के समर्थन में प्रदर्शन करने के लिए रुके हुए थे और फिलीस्तीनी झंडे लहरा रहे थे। इस्राइली पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि इकट्ठा हुए कुछ फिलिस्तीनियों ने परिसर के गेट पर तैनात अधिकारियों पर पत्थर और पेट्रोल बम (Stone and petrol bomb) फेंके। जिसके बाद इजरायली पुलिस को मज़बूरन धावा बोलना पड़ा। पुलिस अधिकारियों ने पथराव और आतिशबाजी करने वाले प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए स्टन ग्रेनेड का इस्तेमाल किया गया।

लगभग एक घंटे के भीतर ये टकराव के हालात समाप्त हो गये। जिसके इजरायली पुलिस अल अक्सा मस्जिद (Al Aqsa Mosque) में अपनी पुरानी तैनाती पर वापस आ गयी। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक वेस्ट बैंक में शुक्रवार की नमाज के बाद प्रदर्शन कर रहे फिलिस्तीनियों को तितर-बितर करने के लिए इजरायली सैनिकों ने रबर की गोलियों और लाइव राउंड का इस्तेमाल किया। दैनिक रेड क्रिसेंट के हवाले से खब़र सामने आयी कि, इस घटनाक्रम में शुक्रवार को वेस्ट बैंक और यरुशलम में कुल 97 फिलिस्तीनी घायल हुए थे।

इस बीच इज़राइल के विदेशी राजनयिक रियाद अल-मलिकी ने अलजज़ीरा समाचार के साथ एक खास इंटरव्यूह में कहा कि, “इसकी कोई गारंटी नहीं है। बिल्कुल कोई गारंटी नहीं है। क्योंकि इज़राइल द्वारा सीज़फायर का ऐलान पूरी तरह एकतरफा है। उन्होंने ये फैसला खुद लिया है।” इज़राइल के सुरक्षा मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को सुबह 2 बजे (गुरुवार को 23:00 GMT) से गाजा पट्टी में संघर्ष विराम को मंजूरी दी। इससे पहले दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर रॉकेट दागें जिसमें 217 फिलिस्तीनी और 12 इजरायली मारे गये।

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