Indo-China Disengagement: दोनों ओर की सेनायें पूरी तरह हटी पीछे, कमांडरों की बैठक जारी

न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख पर पैंगोंग त्सो झील के दोनों किनारों पर सैन्य टुकड़ियों की वापसी (Indo-China Disengagement) कर ली है। अब हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और डेमचोक में विवादास्पद और संवेदनशील इलाकों पर बातचीत के लिए मंच तैयार होगा। जिसके लिए कोर कमांडर विशेष रणनीतिक इलाके डेप्त्सांग मैदानी इलाके में बैठक कर चर्चा करेगें। दोनों तरफ की सेनायें मैनुअल और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस (Manual and electronic surveillance) के द्वारा डिस्अगेंजमेंट पर निगरानी बनाये हुए है। पंगोंग त्सो-कैलाश रेंज सेनाओं की वापसी के लिए तयशुदा चार चरणों की प्रक्रिया निर्धारित की गयी।

इस मोर्चे पर बीती 10 फरवरी को दोनों तरफ के सैनिकों के बीच आमने-सामने का सैन्य टकराव शांत हुआ। इसके साथ ही गुजरे बृहस्पतिवार को दोनों ओर की सेनाओं ने राहत की सांस ली। खब़र लिखे जाने तक चुशुल-मोल्डो सीमाई इलाके में 14 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन और दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिला प्रमुख मेजर जनरल लियू लिन की अगुवाई में सैन्य वार्ता का दसवां दौर चल रहा है। इस बीच भारत में किसी तरह की तुरन्त कार्रवाई के लिए पर्याप्त सैनिकों की तैनाती को कायम कर रखा है।

दूसरी ओर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की खुफिया निगरानी और टोही इकाई (Reconnaissance unit) भारत की गतिविधियों पर बारीकी से नज़रें बनाये हुए है। इस बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच टकराव वाले इलाके हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा के पास पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 और 17 आपसी समझ बनाने की कोशिश होगी। अगर इस पर आपसी सहमति बनती है तो दोनों देशों की सेनाओं के बीच टकराव बेहद कम हो जायेगा। हांलाकि इन इलाकों में चीनी सैनिकों के तैनाती पहले के मुकाबले काफी कम हो गयी है। ठीक इसी तरह की सैन्य टकराहट डेमचोक सेक्टर में चार्डिंग निंगलुंग नाला ट्रैक जंक्शन पर बनी हुई है।

डेप्सांग मैदानी इलाके या ‘बल्ज’ क्षेत्र, 16,000-फुट पर एक पठारी इलाका है। जिसके उत्तर में दौलत बेग ओल्डी हवाई पट्टी है। इसकी मदद से भारत की सामरिक पहुँच कराकोरम दर्रे तक बनती है। इस पर चीनी सहमति बनाना भारत के लिए काफी मुश्किल काम होगा। पीएलए भारतीय सैनिकों को देप्सांग के वाई-जंक्शन से आगे जाने से लगातार रोक रहा है। इस भारतीय मोर्चे को चीन अपना इलाका मानता रहा है। जहां उसने 18 किलोमीटर अंदर आकर सैन्य घुसपैठ की। इस इलाके में भारत के पेट्रोलिंग प्वाइंट 10, 11, 11A, 12, और 13 आते है।

भारतीय सेना के अधिकारियों के मुताबिक डेप्सांग एक बड़ी पेचीदा समस्या है, जिसके निपटारे के लिए लगातार बैठकों की जरूरत है। दोनों ओर के कमांडर कई मोर्चों पर तनाव और टकराहट खत्म करने की मंशा से बैठक में हिस्सा ले रहे है। माना जा रहा है कि आपसी पुख़्ता फैसला भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों में पसरी नाराज़गी कुछ हद तक कम कर पायेगा।

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