पाक की नापाक साज़िश का शिकार बने Indian Diplomats, हुआ बहुत बुरा सलूक

नई दिल्ली (समरजीत अधिकारी): पाकिस्तान ने एक बार फिर नापाक हरकत को अंजाम दिया। इस बार उसने दो भारतीय राजनयिकों (Indian diplomats) को निशाना बनाया। मिल रही जानकारी के मुताबिक- बीते सोमवार सुबह 8:30 बजे भारतीय हाई कमीशन (High commission of india) के पास से दोनों डिप्लोमेट्स को हथियारबंद 15-16 लोगों ने अगवा कर लिया। अज्ञात स्थान पर ले जाकर दोनों से लंबी पूछताछ की गयी। इस दौरान लाठी-डंडों का इस्तेमाल करते हुए, उन्हें बुरी तरह पीटा गया। जब़रन गंदा पानी भी पिलाया गया। पूरी वारदात को साजिशन रचा गया था। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्टों (Pakistani media reports) के मुताबिक- पैदल चल रहे स्थानीय नागरिक को टक्कर मारने के आरोप में दोनों को हिरासत में लिया गया।

अगवा करने वाले लोगों ने दोनों डिप्लोमेट्स से भारतीय हाई कमीशन से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां (Sensitive information) निकलवाने की कोशिश की। पूरी पूछताछ के दौरान उनकी आंख और हाथों में रस्सियां बंधी रही। अगवा करने वाले लोगों ने दोनों राजनयिकों को धमकी देते हुए, भारतीय उच्चायोग के दूसरे कर्मचारियों के साथ ऐसा ही व्यवहार करने की धमकी दी। साथ ही जब़रन दोनों इंडियन डिप्लोमेट्स का वीडियो भी बनवाया। जिसमें दोनों राजनयिक एक्सीडेंट की बात कबूलते नज़र आये।

इस दौरान उन्हें 12 घंटे हिरासत में रखा गया। नई दिल्ली द्वारा कड़ा विरोध जताने के बाद, दोनों को रिहा कर दिया गया। बुरी तरह मार-पिटाई होने के कारण दोनों की गर्दन, पांव और टांगों पर मारपीट के गहरे निशान (Dark marks of assault) भी देखे गए। चोटों के कारण दोनों ढंग से चल भी नहीं पा रहे है। पाकिस्तान की ओर से भारतीय उच्चायोग पर ये भी मनगढ़ंत आरोप (Fabricated charge) लगाए गए कि, भारतीय हाई कमीशन की गाड़ी से नकली पाकिस्तानी करेंसी (Fake pakistani currency) जब़्त की गयी है।

पाकिस्तान की इस कवायद को बदले की कार्रवाई के तौर पर देखा जा रहा है। हाल ही में राजधानी दिल्ली के गफ्फार मार्केट (Gaffar Market) इलाके में स्थित आर्य समाज रोड (Arya Samaj Road) से दो पाकिस्तानी जासूसों की धरपकड़ की गई थी। दोनों ही चाणक्यपुरी (Chanakyapuri) में पाकिस्तानी हाई कमीशन के कर्मचारी थे। आईएसआई को संवेदनशील जानकारी पहुंचाने के लिए दोनों ही रेलवे कर्मचारियों (Railway employees) और भारतीय सेना के जवानों से जान पहचान बढ़ाने में लगे हुए थे।

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