GP Bomb: दुश्मन के इलाके को नेस्तनाबूत कर देगा भारत का नया जनरल पर्पज बम

न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): भारत देश के दुश्मनों पर कहर बरपाने ​​​​के लिये मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाने के लिये 500 किलोग्राम जनरल पर्पज (जीपी) बम बनायेगा। जीपी बम (GP Bomb) एक हवाई गिराया बम है, जिसका मकसद खतरनाक धमाका कर दुश्मनों का इलाका तबाह करना है। इन बमों को दुश्मन सैनिकों, वाहनों और इमारतों के खिलाफ प्रभावी होने के लिये डिज़ाइन किया गया है। जबलपुर जिले के खमरिया कस्बे में स्थित आयुध कारखाने (Ordnance Factory) में देश का सबसे बड़ा बम बनाया जायेगा। इस बम को पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसी देशों की लगातार धमकियों के बीच तैयार किया जा रहा है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक ये बम पाकिस्तान के किसी भी एयरपोर्ट को एक ही हमले में तबाह करने की ताकत रखता है। इतना ही नहीं चीन की बुलेट ट्रेन भी इसके निशाने पर आ सकेगी। इस बम पर पिछले कई सालों से रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) शोध कर रहा है। पिछले साल टेस्टिंग से आये नतीज़ों के बाद इसके प्रोडक्शन को हरी झंडी दे दी गयी है। प्रोडक्शन की निगरानी के लिये DRDO की एक टीम खमरिया पहुंच गई है। फैक्ट्री के एफ-6 सेक्शन में सोमवार को दो बम भरने का काम शुरू हुआ।

क्या कहना है विशेषज्ञों का

जानकारों का कहना है कि इस जीपी बम के एक बार इस्तेमाल से पूरे एयरपोर्ट को उड़ाया जा सकता है। इस शक्तिशाली जीपी बम के इस्तेमाल से रेलवे ट्रैक, बड़े पुलों को भी तोड़ा जा सकता है। बम बनाने में इस्तेमाल होने वाली तकनीक की वजह से ये बंकरों में भी धमाका कर सकता है।

जाने जीपी बम के बारे में

जनरल पर्पज या जीपी बम 500 किलोग्राम वजन के साथ 1.9 मीटर लंबा होगा। इस हाई एक्सप्लोसिव बम (High Explosive Bomb) के लिये पुणे से हाई एनर्जी मैटेरियल्स रिसर्च लेबोरेटरी (High Energy Materials Research Laboratory) की टीम ऑर्डिनेंस फैक्ट्री पहुंच गयी है।  आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान पुणे की टीम भी खमरिया स्थित आयुध निर्माणी (Armament Factory) पहुंच गयी है।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) इस बम को कई हिस्सों में विकसित कर रहा है। प्रत्येक बम में 15-15 मिमी के 10,300 स्टील के गोले लगे होंगे। धमाके के बाद हर शेल 50 मीटर का इलाका टारगेट करेगा। खास बात ये है कि स्टील के गोले 12 एमएम की स्टील प्लेट में भी घुस सकेंगे। बमों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसे जगुआर और सुखोई-30 में भी अपलोड किया जा सकता है।

Leave a comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More