नई दिल्ली (गौरांग यदुवंशी): केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में उतरे किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) खत्म कराने के मकसद से आज दोपहर 2 बजे से होने वाली दोनों पक्षों की प्रस्तावित बैठक से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में उच्चस्तरीय बैठक (high-level meeting) हुई। इस बेहद अहम मीटिंग में मामले से जुड़े सभी बिन्दुओं पर गहन चर्चा हुई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस उच्चस्तरीय बैठक में शिरकत कर उपज गतिरोध को खत्म करने की रणनीति पर बातचीत की।
उच्चस्तरीय बैठक शुरू होने से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बयान जारी करते हुए कहा कि, आज दोपहर 2 बजे किसान प्रतिनिधियों (Farmer representatives) से होने वाली बैठक काफी उम्मीदों से भरी रहेगी। आशा है कि किसान अपना आंदोलन खत्म करेगें। बावजूद इसके किसान आर-पार की लड़ाई का मन बना चुके है। दूसरी ओर किसान केन्द्र सरकार के अलावा विपक्ष की घेराबंदी करने से भी नहीं चूक रहे है। किसान आंदोलन को समर्थन देने यूपी गेट पर कांग्रेस उत्तर प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू पहुँचे। जहां किसानों ने उनका बहिष्कार कर दिया।
मौके पर मौजूद किसानों ने अजय कुमार लल्लू पर आंदोलन को सियासी रंग देने का इल्ज़ाम लगाया। किसानों का कहना था कि कांग्रेसी शासन के दौरान भी किसानों के हितों की अनदेखी हुई। खुद को घिरता देख अजय कुमार लल्लू ने किसानों के आश्वासन दिया और कहा कि राहुल गांधी की अगुवाई में पूरी कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है। कांग्रेस ने हमेशा से ही किसानों की समस्यायों को संसद में उठाया है। उनके आश्वासन और बयान से आंदोलनकारी किसान (Agitating farmer) संतुष्ट नहीं हुए, जिसकी वजह से उन्हें बेरंग वापस लौटने को मजबूर होना पड़ा।
केन्द्र सरकार पर चौतरफा दबाव बनाने के लिए किसान लगातार शिकंजा कसते जा रहे है। भारतीय किसान यूनियन के कई आंदोलनकारी सदस्यों ने चिल्ला बॉर्डर पर जमकर बवाल काटा। प्रदर्शनकारी किसानों ने बैरिकेड लगाकर ट्रैफिक रोका जिसके बाद पुलिस और किसानों की बीच तीखी नोंक-झोंक हो गयी। दिल्ली-नोएडा ट्रैफिक को डायवर्ट किया गया, जिससे आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। लोगों को वैकल्पिक रास्ते के तौर पर कालिंदी कुंज और डीएनडी फ्लाइ-वे का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
किसी भी अनहोनी की आंशका को टालने के लिए लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (Local intelligence unit -LIU) को सक्रिय कर दिया गया है। जो लगातार स्थानीय प्रशासन को इंटेलिजेंस इनपुट दे रहे है। पुलिस और प्रशासन पीक आवर को लेकर काफी फिक्रमंद है क्योंकि इस दौरान होने वाले प्रदर्शन से ट्रैफिक व्यवस्था बुरी तरह चरमरा सकती है। नोएडा सीमा पर एहतियातन यूपी पुलिस के साथ दो प्लाटून रैपिड एक्शन फोर्स (Rapid action force) की तैनाती की गयी है। महकमे के आला अधिकारी हालातों की लगातार समीक्षा कर रहे है, जरूर पड़ने पर पीएसी (Province Armored Contabulary) को भी बंदोबस्त ड्यूटी पर लगाया जा सकता है।