Eid-ul-Fitr: देशभर में लोगों ने घरों पर ही मनायी ईद, अमृतसर में टूटे कोरोना के नियम

न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): कोरोना महामारी के कारण देश भर के ज़्यादातर हिस्सों में लोगों ने अपने घरों में नमाज अदा की, जबकि पंजाब में अमृतसर के खैरुद्दीन हॉल बाजार स्थित जामा मस्जिद में लोगों ने कोरोना नियमों को ताक पर रखते हुये ईद उल-फितर (Eid-ul-Fitr) के मौके पर नमाज अता की। गौरतलब है कि देश में कोविड -19 मामलों में इज़ाफे को देखते हुए कई राज्य सरकारों ने राज्यव्यापी लॉकडाउन लागू कर धार्मिक सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस मौके पर मोहम्मद दानिश ने कहा, “हमने नमाज अदा करते समय सभी कोरोना दिशानिर्देशों का पालन किया। जामा मस्जिद में सिर्फ आस-पास के लोग ही नमाज अदा करने आए थे। हमने उन सभी लोगों के लिए प्रार्थना की, जो कोरोना महामारी से पीड़ित हैं।”

ज़्यादातर दूसरे राज्यों में भी COVID-19 के मद्देनजर कर्फ्यू लगा हुआ है और जिसके कारण देश के कई हिस्सों में मस्जिदें वीरान नज़र आयी। लोगों ने अपने घर पर नमाज़ अदा की। हैदराबाद में मक्का मस्जिद को भी जनता के लिये बंद कर दिया गया क्योंकि प्रशासन ने घर पर ही नमाज अदा करने के फरमान जारी किये थे। लॉकडाउन में शाम 6 से 10 बजे तक ढील दी गयी, ताकि लोग ईद की खरीदारी कर सके। दिल्ली में भी लोगों ने घर पर ही रहकर नमाज़ अदा की। फतेहपुरी मस्जिद और निजामुद्दीन मरकज मस्जिद (Nizamuddin Markaz Mosque) भी ईद उल-फितर के मौके पर वीरान दिखी क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 17 मई तक लॉकडाउन लागू है।

इस बीच उत्तर प्रदेश में पांच लोगों को COVID-19 दिशानिर्देशों के साथ मस्जिद के अंदर नमाज अदा करने की मंजूरी दी गयी। अलीगढ़ और मुरादाबाद में ईद-उल-फितर के मौके पर लोगों ने मस्जिदों में नमाज अदा की। इस मौके पर एक कर्नाटक के एक इमाम ने कहा कि सिर्फ 5 लोगों ने प्रतिबंधों के कारण मस्जिद के अंदर नमाज अदा की। हमने प्रार्थना की कि, ये महामारी जल्द खत्म हो। चूंकि कर्नाटक में 24 मई तक राज्यव्यापी लॉकडाउन (Statewide lockdown) लागू है, इसलिए लोगों ने हुबली में COVID प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अपने घर पर ईद उल-फितर की नमाज अदा की।

दुनिया भर के मुसलमान आमतौर पर विभिन्न मस्जिदों और बड़े मैदानों में ईद की नमाज अदा करते हैं। लेकिन पिछले साल कोविड महामारी की शुरुआत के बाद से विभिन्न धार्मिक प्रमुखों और मुस्लिम निकायों द्वारा सभाओं को रोक लगा दी गयी। ईद-उल-फितर का शुभ अवसर एक महीने के उपवास, प्रार्थना और मानवीय संयम के बाद आता है। ईद-उल-फितर के मौके पर लोग सुबह जल्दी उठते हैं, सलात-उल-फराज (रोजाना नमाज अदा) करते हैं, नए कपड़े पहनते हैं और इत्र डालते हैं। जिसके बाद लोग सामूहिक नमाज़ पढ़कर भोज करते है।

Leave a comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More