Deoghar Ropeway Accident: 10 और लोगों को बचाया गया, झारखंड उच्च न्यायालय ने मामले पर लिया स्वत: संज्ञान

न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): Deoghar Ropeway Accident: झारखंड के देवघर जिले में त्रिकूट पहाड़ियों को जोड़ने वाली केबल कारों में करीब 40 घंटे तक हवा में फंसे 15 पर्यटकों में से 10 को भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के हेलिकॉप्टरों ने बचाया, जिन्होंने आज (12 अप्रैल 2022) सुबह बचाव अभियान शुरू किया। झारखंड उच्च न्यायालय (Jharkhand High Court) ने मंगलवार को मामले का स्वत: संज्ञान लिया।

मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन (Chief Justice Dr. Ravi Ranjan) और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत पर संज्ञान लिया। झारखंड हाईकोर्ट ने पूरे मामले पर राज्य सरकार से जवाब मांगा। मामले की सुनवाई के लिये 26 अप्रैल 2022 की तारीख तय की गयी है।

रविवार (10 अप्रैल 2022) शाम चार बजे ट्रॉली कारों के आपस में टकराने की वज़ह से रोपवे में खराबी के बाद बीच हवा में लटकी केबल कारों से अब तक करीब 50 लोगों को बचाया गया। मामले में अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें (11 अप्रैल 2022) सोमवार को हेलीकॉप्टर से बचाव के प्रयास के दौरान एक युवक गिर गया, जबकि घायल हुए 12 लोगों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है।

भारतीय वायु सेना, सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और जिला प्रशासन (ITBP, NDRF and District Administration) की संयुक्त टीमों द्वारा बचाव अभियान जारी है, ताकि फंसे हुए लोगों को बचाया जा सके। इस बीच झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) ने दुर्घटना की उच्च स्तरीय जांच की घोषणा की और कहा कि प्रशासन बचाव अभियान पर कड़ी नजर रखे हुए है।

भाजपा उपाध्यक्ष और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास ने इतनी बड़ी दुर्घटना के बाद भी राज्य सरकार पर निष्क्रिय रहने का आरोप लगाया और दावा किया कि इलाके के मंत्री दुर्घटनास्थल पर नहीं गये। बता दे कि प्रसिद्ध त्रिकुटाचल महादेव मंदिर (Trikutachal Mahadev Temple) और ऋषि दयानंद के आश्रम का दावा है कि, त्रिकुट हिल्स में कई चोटियाँ हैं, जिनमें सबसे ऊँची चोटी समुद्र तल से 2,470 फीट की ऊँचाई और जमीन से लगभग 1500 फीट पर है।

झारखंड पर्यटन विभाग (Jharkhand Tourism Department) के अनुसार त्रिकुट रोपवे भारत का सबसे ऊंचा वर्टिकल रोपवे है। ये लगभग 766 मीटर लंबा है।

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