Congress की अगुवाई में विपक्षी सांसदों ने काले कपड़े पहन किया प्रदर्शन, अडानी के मामले पर की JPC जांच की मांग

नई  दिल्ली (गौरांग यदुवंशी): अडानी मामले की जांच की मांग को लेकर कांग्रेस (Congress) की अगुवाई वाले विपक्षी सदस्यों ने आज (27 मार्च 2023) संसद के बाहर काले कपड़े पहनकर मार्च निकाला और नारेबाजी की। यूपीए (UPA) की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) भी महात्मा गांधी की प्रतिमा के बाहर विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं। लोकसभा से पार्टी नेता राहुल गांधी की अयोग्यता के विरोध में कांग्रेस सांसदों ने काले कपड़े पहन रखे थे।

तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) जिसने पहले संकेत दिया था कि वो इन विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा नहीं लेगी, उसने भी इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया। विपक्षी सदस्यों ने अडानी मामले की जांच की मांग को लेकर तख्तियां लेकर और नारेबाजी करते हुए संसद के बाहर महात्मा गांधी की प्रतिमा से विजय चौक (Vijay Chowk) तक मार्च निकाला। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित किये जाने के तुरंत बाद ये विरोध शुरू हो गया।

मामले को लेकर राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने विरोध के बाद कहा “हम यहां काले कपड़े में क्यों हैं? हम ये दिखाना चाहते हैं कि प्रधान मंत्री मोदी देश में लोकतंत्र को खत्म कर रहे हैं। उन्होंने पहले स्वायत्त निकायों को खत्म कर दिया, फिर उन्होंने चुनाव जीतने वालों को डराकर हर जगह अपनी सरकारें खड़ी कर दीं। फिर उन्होंने ईडी का इस्तेमाल किया।, जो नहीं झुके, सीबीआई (CBI) उन्हें झुका देगी।”

विपक्ष के विरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर (Union Information and Broadcasting Minister Anurag Thakur) ने कहा कि, “राहुल गांधी ने लगातार ओबीसी समुदाय (OBC Community) का अपमान किया और उनसे माफी नहीं मांगी। वो अदालत के आदेश का पालन नहीं करते। वो अब यह नाटक क्यों रच रहे हैं? वो कभी भी सावरकर नहीं हो सकते क्योंकि सावरकर (Savarkar) छह महीने के लिये कभी विदेश दौरे पर नहीं गये।”

बता दे कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने बीते शनिवार (25 मार्च 2023) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि वो किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से नहीं डरते हैं और वो कभी माफी नहीं मांगेंगे, क्योंकि वो कभी सावरकर नहीं हो सकते।

बीजेपी ने लोकतंत्र पर उनके बयानों के लिये उनसे माफी मांगी थी, जो उन्होंने लंदन में एक कार्यक्रम के दौरान कहे थे। मानहानि के मामले में दोषी ठहराये जाने के बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता 24 मार्च को खत्म कर दी गयी थी।

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