Child Labour: बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराने वाली कांस्टेबल रिंकी सिंह को सम्मानित करेगें सीएम योगी आदित्यनाथ

न्यूज डेस्क (गंधर्विका वत्स): Child Labour: मौजूदा हालातों में अगर कोई शख़्स इंसानियत और सद्भावना का काम करे तो उसके बारे में बेहद कम सुना जाता है। कुछ इसी तरह उत्तर प्रदेश की महिला कांस्टेबल रिंकी सिंह (Constable Rinki Singh) दुनिया को बेहतर बनाने कोशिशें काफी जोश के साथ कर रही है। उन काम को खब़रे धीरे धीरे पूरे देशभर में फैल रही है, जिससे उनकी सराहना हो रही है।

फिरोजाबाद कांस्टेबल रिंकी सिंह ने उत्तर प्रदेश के बच्चों के लिये काम करते हुए साहस और सद्भावना का परिचय दिया, जिसकी वज़ह से यूपी पुलिस का पूरा महकमा गौरवान्वित महसूस कर रहा है। 30 साल की रिंकी सिंह उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में एंटी ट्रैफिकिंग यूनिट (Anti Trafficking Unit) में तैनात है और इलाके के बच्चों के लिये वो किसी मसीहा से कम नहीं हैं।

नाबालिगों को उनके बचपन का आनंद लेने में मदद करने के प्रयास में रिंकी ने शहर भर में बाल मजदूरों को बचाने के लिये अभियान छेड़ रखा है। रिंकी अपने मुखबिर तंत्र की मदद से अपने क्षेत्राधिकार के तहत आने वाले पूरे इलाके की खब़र रखती है कि कहीं किसी नाबालिग से बल श्रम या बंधुआ मजदूरी (Forced Labour) तो नहीं करवायी जा रही?

उनकी टीम का मुख्य लक्ष्य ढाबे, छोटे होटल और गैरेज जैसी जगहें हैं जहां छोटे बच्चों को काम करने के लिये मजबूर किया जाता है और उन्हें बंधुआ मजदूर के तौर पर रखा जाता है। रिंकी ने कई बचाव अभियान चलाये हैं और ये सुनिश्चित किया है कि ये बच्चे वो जीवन जीने में सक्षम हो जिसके लिये वो सही मायने में हकदार हैं।

साल 2020 में रिंकी ने ऐसे 150 से ज़्यागा बच्चों को उनके कार्यस्थल से मुक्त कराया है। उन्होनेंकी इन बच्चों को स्थानीय मंदिरों में भीख मांगने और बाजारों में कबाड़ बीनने जैसे कामों से अलग किया। बेहतर ज़िन्दगी तलाश करने का मौका दिया। कुल मिलाकर रिंकी की टीम ने 300 से ज़्यादा बच्चों की मदद की है।

रिंकी की टीम में 7 पुलिस अधिकारी हैं, जिनमें से 5 महिलायें हैं। रिंकी और उनकी टीम ने इन बच्चों को बंधुआ मजदूरी के चंगुल से छुड़ाती हैं। साथ ही उन्हें अच्छा जीवन देने के लिये वो इन बच्चों को कई सरकारी योजनाओं (Government Schemes) के तहत मुफ्त शिक्षा और मासिक भत्ते दिलवाने में मदद करती है। उनकी टीम का प्रयास रहता है कि छुड़ाये गये बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित किया जाये ताकि वो फिर कभी मजदूरी करने के लिये नहीं लौटे।

खाकी वर्दी का गौरव बरकरार रखते हुए रिंकी सिंह और उनकी कहानी कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रही है। उनकी प्रतिभा को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी सराहा है।

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