प्ले बॉय, जिगोलो और एस्कॉर्ट सर्विसेज के नाम पर करते थे ठगी, Delhi Police ने किया गैंग का पर्दाफाश

नई दिल्ली (विश्वरूप प्रियदर्शी): Delhi Police: आउटर नॉर्थ जिले के साइबर पुलिस स्टेशन ने बड़ी धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया है, जहां जिगोलो (Gigolo) बनाने के नाम पर लोगों से ठगी की जा रही थी। आरोपी ऑनलाइन नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को ये लुभावने ऑफर देते थे और अब तक ये गिरोह करीब 4 हजार बेरोजगार युवकों से लाखों रूपये की ठगी कर चुका हैं। मामले में ज्यादातर पीड़ित शर्म और समाज के डर से चुप रहे, लेकिन कुछ ने पुलिस को इस मामले की जानकारी दी।

साइबर एसएचओ इंस्पेक्टर रमन कुमार (Cyber SHO Inspector Raman Kumar) और उनकी टीम ने जयपुर (Jaipur) निवासी दो लोगों कुलदीप सिंह चरण और श्यामलाल (Kuldeep Singh Charan and Shyamlal) को इस मामले में गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान इस गिरोह के मास्टरमाइंड के तौर पर की गयी है। कुलदीप सिंह चरण फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने में माहिर हैं और पीड़ितों को फंसाने के लिये महिला एनआरआई क्लाइंट के तौर उसे पेश किया जाता था, जहां महिला की आवाज़ में फर्राटेदार अंग्रेजी बोलकर लोगों को अपने झांसे में फंसाता था। पुलिस ने आरोपियों के पास से चार स्मार्टफोन, एक लैपटॉप, एक डेस्कटॉप, 21 एटीएम कार्ड समेत अन्य सामान बरामद किया है। जांच के दौरान इनके पास से 11 बैंक खातों की भी जानकारी मिली।

मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब नरेला (Narela) निवासी एक शख्स ने साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत दर्ज  करवायी, जिसके बाद मामले में छानबीन शुरू कर दी गयी। पीड़ित ने बताया कि वो एक वेबसाइट पर ऑनलाइन नौकरी की तलाश कर रहा था, तभी वो इस गिरोह के सम्पर्क में आया संदिग्धों से बात करने के बाद उससे 2499 रुपये रजिस्ट्रेशन शुल्क देने को कहा गया और व्हाट्सएप पर उसे एक आईडी भेजी गयी। इसके बाद आरोपियों ने अलग-अलग बहाने से पीड़ित से 39190 रूपये की उगाही की।

एसएचओ रमन कुमार की टीम ने कॉल डिटेल से पैसे भेजने वाले अकाउंट की जानकारी जुटायी और कुलदीप सिंह चरण को राजस्थान (Rajasthan) के जयपुर में पकड़ने के लिये टेक्निकल सर्विलांस का इस्तेमाल किया। पूछताछ की बुनियाद पुलिस टीम ने गैंग के दूसरे सदस्य को भी पकड़ लिया। आरोपियों ने खुलासा किया कि साल 2017 के बाद से उन्होंने प्ले बॉय, जिगोलो और एस्कॉर्ट सर्विसेज का काम करवाने के बहाने 4,000 से ज्यादा लोगों को ऑनलाइन ठगा है। ठगे गये पैसों को हासिल करने के लिये उन्होंने एक दर्जन से ज्यादा बैंक खातों का इस्तेमाल किया।

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