Atal Tunnel Inauguration: चीन से मिल रही चुनौतियों की बीच PM Modi ने किया उद्घाटन

न्यूज़ डेस्क (शौर्य यादव): आज पीएम मोदी ने हिमाचल के लाहुल में अटल सुरंग का लोकार्पण (Atal Tunnel Inauguration) कर दिया। इसकी मदद अब मनाली से लेह लद्दाख पहुँचने में काफी आसानी होगी। 10 हजार फीट की ऊंचाई पर अटल टनल दुनिया की सबसे लंबी हाइवे सुरंग बन गयी है। इसका निर्माण बीआरओ (BRO) ने किया है। इससे मनाली और लेह-लद्दाख की दूरी में 46 किलोमीटर की कमी आयी है। जहाँ पहले इस सफर में 7 घंटों का समय लगता था अब मात्र तीन घंटों में ये सफर पूरा किया जा सकता है। इसकी मदद से मनाली-लेह हाइवे की कनेक्टिविटी साल भर बहाल रह सकेगी। इसे सुनिश्चित करने के लिए शिंकू ला में भी सुरंग निर्माण करने पर भी ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है।

लोकार्पण के बाद पीएम ने सुरंग का भलीभांति जायजा लिया। साथ ही बीआरओ के महानिदेशक (DG-BRO) से इसके बारे में और जानकारी भी हासिल की। इस दौरान वहाँ लगी एक्ज़ीबिशन को देखते हुए पीएम मोदी ने खुली जीप में सफर भी किया। मनाली पहुँचने पर पीएम मोदी की अगुवाई मुख्‍यमंत्री जयराम ठाकुर और हिमाचल सरकार के मंत्रियों व सांसदों ने की। इस मौके पर केंद्रीय वित्‍त राज्‍य मंत्री अनुराग ठाकुर (Union Minister of State for Finance Anurag Thakur) ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज करवायी। ये पूर्व प्रधानमंत्री का सपना था। जिसे पीएम मोदी ने आज जनता की सेवा में समर्पित कर दिया। इसे बनाने में 10 साल की मेहनत लगी।

ऐसी टनल की जरूरत भारत को 1962 में हुए भारत-चीन युद्ध के बाद पड़ी। उस युद्ध के दौरान भारतीय सैन्य टुकड़ियों का हथियार गोला-बारूद और दूसरी रसद मौके पर हासिल नहीं हो पायी थी। इसके बाद साल 1999 में हुए कारगिल युद्ध के दौरान भी इसकी जरूरत को महसूस किया गया, जब पाकिस्तान नार्दन लाइट इफैन्ट्री (Pakistan Northern Light Infantry) के लड़ाकों ने श्रीनगर-लेह मार्ग (Srinagar-Leh Road) को ध्वस्त करने की कोशिश करते हुए भारतीय सेना को नुकसान पहुँचाया था। जिसकी वज़ह से ट्रूप मोबालाइजेशन (Troop mobilization) में खासा दिक्कतें हुई थी। उस दौरान भारतीय सेना को मनाली से लेह पहुँचने के लिए 450 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ा था। इन्हीं वज़हों से मनाली और लाहुल के बीच रोहतांग में अटल सुरंग बनाने की परिकल्पना ने जन्म लिया। इस परियोजना की आधारशिला 26 मई, 2002 को रखी गई थी।

श्रीनगर से लेह-लद्दाख जाने वाले जोजिला पास (Zojila pass) के लिए अब ये सुरंग दूसरा वैकल्पिक रास्ता मुहैया करवायेगी। जोजिला पास भारी बर्फबारी के बीच अक्सर बंद रहती है। इसके साथ ही लेह चार और सुरंग बनाने की परियोजनाओं को शुरू कर दिया गया है। बारालाचा दर्रा के नीचे 11.25 किलोमीटर, ला चुगला में 14.77 किलोमीटर, तंगलंगला में 7.32 किलोमीटर लंबी सुरंगे बनाने का काम जोर-शोर से चल रहा है। सभी सुरंगे बनने और खुलने के बाद मनाली और लेह के बीच की दूरी में 120 किलोमीटर की सीधी कमी आयेगी।

इन सभी परियोजनाओं से स्थानीय नागरिकों को बड़ा लाभ मिलेगा। जिससे कि वे आपात स्थिति में इलाज के लिए अस्पताल पहुँच सकेगें। अपनी फसलें मंड़ियों तक वक्त रहते पहुँचा पायेगें। सालभर उन्हें आवागमन के लिए रोड कनेक्टिविटी सहज़ उपलब्ध होगी। सबसे बड़ा फायदा सैन्य बलों को मिलेगा। उनकी आवाजाही और रसद पहुँचाने के समय में कमी आयेगी। साथ ही उन्हें सुरक्षित सुगम रास्ता मिल पायेगा। लद्दाख के पूर्वी मोर्चे पर मिल रही चुनौतियों के बीच अटल टनल का उद्घाटन अपने आप में भारत के लिए सैन्य बढ़त (Military edge) है। कहीं ना कहीं इसके कारण चीन के साथ-साथ पाकिस्तान के माथे पर भी शिकन की लकीरें बनेगी।

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