Assam को मिली AIIMS की सौगात, पीएम मोदी ने कहा सिर्फ क्रेडिट लेने वाली रही पूर्ववर्ती सरकार

न्यूज डेस्क (यामिनी गजपति): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (14 अप्रैल 2023) 1,123 करोड़ रुपये की लागत से बने पूर्वोत्तर के पहले एम्स (AIIMS) को राष्ट्र को समर्पित किया। सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल न सिर्फ असम के लोगों को बल्कि अन्य पूर्वोत्तर राज्यों को भी बेहतरीन स्वास्थ्य सेवायें मुहैया करवायेगा। उन्होंने नलबाड़ी, नागांव और कोकराझार (Nagaon and Kokrajhar) में तीन मेडिकल कॉलेजों का भी वर्चुअल उद्घाटन भी किया।

इन तीन मेडिकल कॉलेजों में 24 स्नातक विभागों के साथ 500 बिस्तरों वाला तृतीयक श्रेणी देखभाल शिक्षण अस्पताल 100 वार्षिक एमबीबीएस छात्रों की भर्ती के साथ शुरू होगा, जिससे असम में कुल एमबीबीएस छात्रों की संख्या 1500 हो जायेगी।

उन्होंने 546 करोड़ रुपये के असम एडवांस्ड हेल्थकेयर इनोवेशन इंस्टीट्यूट (AAHII) की नींव भी रखी, जो कि राज्य सरकार और IIT गुवाहाटी की संयुक्त पहल है। AAHII का मकसद चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा में आविष्कारों और इनोवेशन को बढ़ावा देना है, ये इंजीनियरिंग के साथ स्वास्थ्य देखभाल को जोड़कर चिकित्सा के अग्रणी क्षेत्रों में बहु-विषयक अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देगा।

प्रधान मंत्री ने लाभार्थियों को 1.1 करोड़ आयुष्मान कार्ड (Ayushman Card) के वितरण का भी शुभारंभ किया, जो कि इन कार्डों के साथ पांच लाख रुपये तक का कैशलेस स्वास्थ्य चिकित्सा उपचार लाभ हासिल करने में सक्षम होंगे।

AIIMS असम का उद्घाटन करने के दौरान पीएम मोदी ने कहीं ये बड़ी बातें

• आप सभी को रोंगाली बिहू (Rongali Bihu) की बहुत-बहुत शुभकामनाएं! इस पावन अवसर पर असम के, नॉर्थ ईस्ट के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को आज नई ताकत मिली है। आज नॉर्थ ईस्ट को अपना पहला AIIMS मिला है। असम को 3 नए मेडिकल कॉलेज मिले हैं।

• आज जो भी नॉर्थ ईस्ट आता है, तो यहां के रोड, रेल, एयरपोर्ट्स से जुड़े कार्यों को देखकर उनकी प्रशंसा करता है। लेकिन नॉर्थ ईस्ट में एक और इंफ्रास्ट्रक्चर पर बहुत तेजी से काम हुआ है, और वो है social infrastructure.

• हम आपके सेवक होने की भावना से काम करते हैं, इसलिए नॉर्थ ईस्ट हमें दूर भी नहीं लगता और अपनेपन का भाव भी बना रहता है। आज नॉर्थ ईस्ट में लोगों ने विकास की बागडोर आगे बढ़कर खुद संभाल ली है। वो नॉर्थ ईस्ट के विकास से, भारत के विकास के मंत्र को लेकर आगे बढ़ रहे हैं।

• हमने वोटबैंक के बजाय देश की जनता की मुश्किलों को कम करने पर फोकस किया। हमने लक्ष्य बनाया कि हमारी बहनों को इलाज के लिए दूर ना जाना पड़े। हमने तय किया कि किसी गरीब को, पैसे के अभाव में अपना इलाज ना टालना पड़े। हमने प्रयास किया कि हमारे गरीब परिवारों को भी घर के पास ही बेहतर इलाज मिले।

• पिछली सरकारों की नीतियों के कारण हमारे पास डॉक्टरों और चिकित्सा पेशेवरों की संख्या कम थी। यह भारत में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा के लिए एक बड़ी बाधा थी। इसलिए, पिछले नौ वर्षों में, हमारे सरकारी मेडिकल ने मेडिकल इन्फ्रा और चिकित्सा पेशेवरों को बढ़ाने की दिशा में काम किया।

• 2014 से पहले 10 सालों में करीब 150 मेडिकल कॉलेज ही बने थे, पिछले 9 वर्षों में हमारी सरकार में करीब 300 नए मेडिकल कॉलेज बने हैं। पिछले 9 वर्षों में देश में MBBS की सीटें भी दोगुनी बढ़कर एक लाख से अधिक हो चुकी हैं। मैं समझता हूं कि इलाज के लिए पैसा नहीं होना गरीबों के लिए एक बड़ी चिंता है और इसलिए हमने आयुष्मान भारत योजना शुरू की। मैं जानता हूं कि महंगी दवाएं गरीब और मध्यम वर्ग के लिए एक बड़ी चिंता का विषय हैं और इसलिए हमारी सरकार ने सस्ती दवाओं के लिए 9,000 से अधिक जन औषधि केंद्र खोले हैं।

• स्वच्छ भारत अभियान के तहत बने करोड़ों शौचालयों ने, महिलाओं को बहुत सारी बीमारियों से बचाया है। उज्जवला योजना के तहत मिले गैस कनेक्शन ने, महिलाओं को जानलेवा धुएं से मुक्ति दिलाई है। जल जीवन मिशन के तहत हर घर जल आने से, करोड़ों महिलाओं का पानी से होने वाली बीमारियों से बचाव हुआ है। मिशन इंद्रधनुष ने करोड़ों महिलाओं का मुफ्त टीकाकरण करके उन्हें गंभीर बीमारियों से बचाया है।

• आयुष्मान भारत योजना ने महिलाओं को अस्पताल में 5 लाख रूपए तक के मुफ्त इलाज का भरोसा दिया है। प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना (Pradhan Mantri Matrivandana Yojana) ने महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान आर्थिक मदद दी है। राष्ट्रीय पोषण अभियान ने महिलाओं को पौष्टिक भोजन मुहैया कराने में मदद की है। जब सरकार संवेदनशील होती है, जब गरीब के प्रति सेवा की भावना होती है, तो ऐसे ही काम किया जाता है।

• Corona के इस संकटकाल में भी हमने सबका प्रयास की ताकत देखी है। दुनिया के सबसे बड़े, सबसे तेज़, सबसे प्रभावी covid टीकाकरण अभियान की प्रशंसा आज दुनिया कर रही है। हमने made in India vaccine बनाई, उन्हें बहुत कम समय के भीतर दूर-दूर तक पहुंचाया।

• आजकल एक नई बीमारी देखने को मिल रही है। वो शिकायत करते हैं कि दशकों तक उन्होंने भी देश पर राज किया है, लेकिन उन्हें क्रेडिट क्यों नहीं मिला। क्रेडिट के भूखे लोगों और जनता पर राज करने की भावना ने देश का बहुत अहित किया है। अगर मैं पूर्वोत्तर के विकास की बात करूं तो देश भर में मेरी यात्राओं के दौरान कुछ लोग क्रेडिट न मिलने की शिकायत करने लगते हैं। वे क्रेडिट के भूखे थे और इसलिए, पूर्वोत्तर उनके लिए बहुत दूर था। हालांकि, हम लोगों की भलाई के लिए काम करते हैं।

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