न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): तीनों केन्द्रीय कृषि कानूनों को लेकर भाजपा (BJP) को अब एनडीए (NDA) खेम से अंदरूनी चुनौतियां मिलने लगी है। इस कानून के कारण शिरोमणि अकाली दल के बाद अब राष्ट्रीय लोकतान्त्रिक पार्टी (RLP) ने भी अब एनडीए को दामन छोड़ा दिया है। नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने प्रदर्शनकारी किसानों को समर्थन दिया। बीते शनिवार राजस्थान के अलवर जिले में शाहजहांपुर-खेड़ा धरना स्थल पर उन्होनें संबोधित करते हुए कहा कि- हम किसी भी सूरत में ऐसे लोगों का साथ नहीं देगें, जो किसानों के खिलाफ है। मैं एनडीए के साथ फेविकोल से नहीं फंसा हूं।
इसके साथ ही हनुमान बेनीवाल ने संसद की तीन समितियों से भी इस्तीफा दे दिया है। जिसके लिए उन्होनें त्यागपत्र लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भेज दिया था। बेनीवाल उद्योग संबंधी स्टैडिंग कमेटी, याचिका कमेटी व पेट्रोलियम व गैस मंत्रालय की कन्सलटेशन कमेटी में भी इस्तीफा दे दिया। कुछ इसी तर्ज पर साल 2018 के दौरान उनकी पार्टी एनडीए का साथ छोड़ चुकी है।
सिफारिशों को लागू कर क्रियान्वयित करना चाहिए। बीते शनिवार किसानों ने मौजूदा गतिरोध खत्म करने के लिए केन्द्र सरकार के वार्ता समझौते के आधार पर 29 दिसंबर पर बातचीत करेगें।