न्यूज डेस्क (स्तुति महाजन): इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीते शुक्रवार (10 दिसंबर 2021) को वेब सीरीज़ ‘मिर्जापुर’ (Mirzapur) के प्रोड्यूसर्स के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को खारिज कर दिया। एफआईआर में हवाला दिया गया था कि वेब सीरीज़ “धार्मिक, सामाजिक और क्षेत्रीय भावनाओं” को कथित तौर पर आहत करती है। इस क्रम में फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी (Farhan Akhtar and Ritesh Sidhwani) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी थी।
कोर्ट ने वेब सीरीज के दो सीज़न के लेखक और निर्देशक करण अंशुमन, गुरमीत सिंह, पुनीत कृष्णा और विनीत कृष्णा के खिलाफ प्राथमिकी भी रद्द कर दी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने (Allahabad High Court) ये भी पाया कि प्राथमिकी में कोई आरोप साबित नहीं हो पाया, जिसके आधार पर मामला दर्ज किया जा सके।
कोर्ट ने कहा कि- मामला में ऐसा कुछ नहीं पाया गया है, जिससे कि साबित हो सके कि वेब सीरीज़ के प्रोड्यूसर्स धर्म, जाति, समुदाय, किसी अन्य आधार पर विभिन्न धार्मिक, नस्लीय, भाषा समूहों के बीच शत्रुता, घृणा या द्वेष की भावना पैदा करने के इरादे से सीरीज बना रहे हैं। बता दे कि वेब सीरीज़ (Web Series) के खिलाफ इसी साल 17 जनवरी को एफआईआर दर्ज की गयी थी कि और आरोप लगाया गया था कि ये शो उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले को "अश्लील और अनुचित तरीके से" पेश करता है।