Swara Bhaskar Wedding: इस कानून के जरिये हुई एक्ट्रैस स्वरा भास्कर की शादी, ट्विटर पर किया खुलासा

न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर (Bollywood actress Swara Bhaskar) ने हाल ही में ये खबर साझा की थी कि उन्होंने राजनीतिक कार्यकर्ता फहद अहमद (Fahad Ahmed) से शादी कर ली है, जो कि समाजवादी पार्टी (SP-Samajwadi Party) के सदस्य भी हैं। भास्कर और अहमद ने इस हफ्ते की शुरुआत में एक अंतरंग समारोह में शादी की और सोशल मीडिया पर प्यारी तस्वीरें साझा कीं।

स्वरा भास्कर, जिन्हें अक्सर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अगुवाई वाली केंद्र सरकार की आलोचक के रूप में जाना जाता है, ने फहद अहमद के साथ अपने कोर्ट मैरिज से तस्वीरें साझा कीं और विशेष विवाह अधिनियम (Special Marriage Act) की तारीफ की। इसी अधिनियम के जरिये दोनों ने शादी की।

ट्विटर पर शादी की तस्वीरें साझा करते हुए उन्होनें लिखा कि- “Special Marriage Act के लिये तीन चीयर्स (नोटिस अवधि के बावजूद आदि) कम से कम ये मौजूद है और प्यार को एक मौका देता है … प्यार करने का अधिकार, अपने जीवन साथी को चुनने का अधिकार, शादी करने का अधिकार, एजेंसी का अधिकार ये नहीं होना चाहिये ये एक विशेषाधिकार हो।

स्वरा भास्कर और फहद अहमद ने कोर्ट मैरिज सेरेमनी में शादी की, जिसके लिये उन्होंने करीब एक महीने पहले पेपर जमा किया था। उनका अनुरोध मंजूर हो गया और उन्होंने 16 फरवरी को विशेष विवाह अधिनियम के जरिये आधिकारिक रूप से शादी कर ली।

विशेष विवाह अधिनियम ने स्वरा भास्कर को अपने पति और राजनीतिक कार्यकर्ता फहद अहमद के साथ शादी के बंधन में बंधने की प्रक्रिया को आसान और सक्षम बनाया। विशेष विवाह अधिनियम 1954 में बनाया गया था और ये भारत की संसद का एक अधिनियम है, जो सभी जोड़ों को पंजीकृत विवाह करने में सक्षम बनाता है।

1954 का विशेष विवाह अधिनियम भारत के लोगों और विदेशों में सभी भारतीय नागरिकों के लिये नागरिक विवाह या पंजीकृत विवाह का प्रावधान प्रदान करता है, जो किसी भी पक्ष के धर्म या विश्वास से अछूटा है। इसका मतलब ये भी है कि विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह समान नागरिक संहिता द्वारा शासित नहीं होते हैं।

विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह के लिये कोई संस्कार या औपचारिक आवश्यकतायें नहीं हैं और इसे एक नागरिक अनुबंध माना जाता है। ये अधिनियम विवाह पंजीकरण खासतौर से मुहैया करवाता है, जो कि शादी की कानूनी मान्यता के लिये बेहद जरूरी है। अगर किसी तरह की प्रशानिक आपत्ति ना हो तो जोड़े की ओर से पंजीकृत विवाह के लिये प्रस्तुत फॉर्म को 30 दिनों की समय सीमा के दौरान मंजूर कर लिया जाता है। 30 दिनों की अवधि खत्म होने और जोड़ों की ओर से दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किये जाने के बाद विवाह को कानूनी मान्यता दे दी जाती है।

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