न्यूज डेस्क (मातंगी निगम): दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की ओर से आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार किये गये दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की रिमांड मांगे जाने के मामले में आज (27 फरवरी 2023) फैसला सुरक्षित रख लिया। सीबीआई ने बीते रविवार (26 फरवरी 2023) को सिसोदिया को गिरफ्तार किया और उन्हें पांच दिन की रिमांड पर लेने के लिये राउज एवेन्यू कोर्ट लाया गया।
सीबीआई के वकील ने अदालत से कहा कि मामले की कारगर जांच के लिये दिल्ली के डिप्टी सीएम (Deputy Chief Minister Manish Sisodia) को हिरासत में लेकर पूछताछ करना जरूरी है। सिसोदिया की पांच दिन की रिमांड मांगते हुए सीबीआई ने कहा, ‘साजिश बहुत ही सुनियोजित और गुप्त तरीके से रची गयी थी।’ इस बीच वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन (Senior Advocate Dayan Krishnan) सिसोदिया के लिये पेश हुए और सीबीआई की रिमांड अर्जी का विरोध किया।
सिसोदिया के वकील ने तर्क दिया कि, “अगर कोई कुछ कहने को तैयार नहीं है, तो ये गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकता है।” अधिवक्ता दयान कृष्णन ने दिल्ली के डिप्टी सीएम की ओर से दलील देते हुए आगे कहा कि- मुझे उस फ़ोन का क्या करना चाहिये जिसे मैंने बदला है? मैं एक मंत्री हूं, मैं इसे सेकेंड हैंड दुकान पर नहीं भेज सकता, इसमें अहम डेटा होगा। सीबीआई ने मुझे फर्जी सबूतों का हवाला दिया लेकिन मैंने कबूल नहीं किया। रिमांड आवेदन (Remand Application) में कहा गया है कि मैंने टालमटोल वाला जवाब दिया। ये रिमांड का आधार नहीं हो सकता। उन्होंने 19 अगस्त 2022 को मेरे घर की तलाशी ली। मैंने अपना फोन सौंप दिया। उन्होंने मुझे जांच में शामिल होने के लिये बुलाया और मैं पूछताथ शामिल हो गया। मैंने सहयोग किया,”
बता दे कि सीबीआई ने बीते रविवार को सिसोदिया की गिरफ्तारी पर एक बयान जारी किया, जिसमें दावा किया गया कि वो गोलमोल जवाब दे रहे हैं और शराब घोटाला मामले में चल रही जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। जांच एजेंसी ने आगे कहा कि सिसोदिया को पहले चल रही जांच के सिलसिले में 19 फरवरी को तलब किया गया था, लेकिन दिल्ली (Delhi) के बजट का हवाला देते हुए उन्होनें एक हफ्ते का वक्त मांगा था।