क्या ये दांव, पार लगा पायेगा केजरीवाल की नाव ?

दिल्ली विधानसभा चुनावों की सरगर्मियों के बीच केजरीवाल सरकार ने एक ओर दांव चल दिया है। माना जा रहा है कि उनका ये प्रशासनिक फैसला आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों में बढ़त दिलाने के लिए तुरूप के इक्के का काम करेगा। भाई दूज से लेकर मार्च 2020 तक डीटीसी बसों में सभी महिला यात्रियों को मुफ्त में सफर करने दिया जायेगा। इसे लागू करने के लिए दिल्ली सरकार ने परिवहन अधिकारियों के साथ कई दौर के हाईलेवल मीटिंग की। और आखिर में इसे लागू कर दिया गया।
सीनियर सिटीजन और स्टूडेंट्स को भी मिल सकता है फायदा
अरविंद केजरीवाल एके ऐप के द्वारा दिल्ली की जनता से मुखातिब हुए और कहा कि, अभी ये स्कीम ट्रायल बेसिस पर चलाई जा रही है। आने वाले वक़्त में इसके नतीज़ों को आधार बनाते हुए सीनियर सिटीजन और छात्रों को भी इस सेवा का फायदा पहुँचाया जा सकता है। बसों में महिलाओं के सुरक्षा को ध्यान रखते हुए मार्शलों की तैनाती की गयी है। साथ ही महिला होमगार्ड्स और सिविल डिफेंस को भी इस काम में लगाया गया है। महिलाओं की सहूलियत को देखते हुए बसों में पैनिक बटन, सीसीटीवी कैमरा और जीपीएस ट्रैकिंग पर खासा ध्यान दिया गया है।
इस फैसले को सियासी उठा-पटक से दूर रखे-केजरीवाल
विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए केजरीवाल ने कहा कि कुछ लोग दिल्ली सरकार के इस कदम की आलोचना कर रहे है, जो कि सरासर गलत है। ये एक बेहतरीन पहल है, इसमें सबको साथ आगे आना होगा। पहले जनता के कामों के लिए सरकार से जो 100 रूपये जारी किये जाते थे, उनमें से 15 रूपये ही जनता के कामों में लगते थे। बाकी के 85 रूपये भष्ट्राचार की भेंट चढ़ जाते थे। हम उन्हीं 85 रूपयों को बचाकर दिल्ली की जनता को ऐसी बेहतरीन योजनाओं का सीधा फायदा पहुँचा रहे है।
योजना की आलोचनायें भी बहुत हो रही है
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने इस योजना को चुनावी स्टंट करार दिया। उनके मुताबिक डीटीसी और क्लस्टर बसों की भारी कमी है। डीटीसी की सेवा बेहद दोयम दर्जे की है। जिन रूटों पर ज़्यादा बसों की जरूरत है, वहाँ पर बसों की फ्रिक्वेंसी ना के बराबर है।
दक्षिणी दिल्ली से सांसद रमेश विधूडी ने इस स्कीम का स्वागत करते हुए कहा कि, योजना तो अच्छी लेकिन इसके पीछे छिपी केजरीवाल की मंशा खराब है। दिल्ली सरकार ने डीटीसी के 132 रूटों को खत्म कर दिया है। इसे सिर्फ इलेक्टोरल माइलेज निकालेगी आम आदमी पार्टी।
अगर आंकडों पर गौर करे तो भैया दूज के दिन सुबह की शिफ्ट में डीटीसी बसों में कुल 6,76,028 मुसाफिरों ने सफर किया, जिनमें 2,20,691 महिलायें शामिल थी। यानि इस डीटीसी के कुल यात्रियों में तकरीबन 32.65 फीसदी महिलायें थी।
स्कीमों को लेकर कड़ी टक्कर
एक ओर केजरीवाल ने मुफ्त पानी, मुफ्त बिजली, बेहतरीन स्वास्थ्य सेवायें और शिक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है। वहीं दूसरी ओर बीजेपी ने दिल्ली की जनता को अपनी खींचने के लिए दिल्ली की अवैध कॉलोनियों को नियमित किया है। अब भाजपा एक और दांव खेलने जा रही है। जिसकी तस्दीक केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने की है। जिसके मुताबिक दिल्ली मेट्रो द्वारा बॉयोमैट्रिक आधारित स्मार्ट कार्ड जारी किये जायेगें। जिसकी मदद से छात्र और सीनियर सिटीजन रियायती दामों पर मेट्रो में सफर कर पायेगें।
सीएम का चेहरा बनाम काम
काफी हद तक केजरीवाल ने दिल्ली की जनता के बीच अपनी मजबूत पैठ बना रखी है। उनके काम से राजधानी का कोई भी तबका अछूता नहीं है। ऐसे में उनका नाम और काम भाजपा के लिए कड़ी टक्कर साबित होगा। दूसरी ओर भाजपा के पास गिनवाने के लिए सिर्फ एक ही उपलब्धि है, वो है अवैध कॉलोनियों का नियमितीकरण। इसके अलावा एक ओर फैक्टर भाजपा के लिए खास रहेगा, वो है सीएम पद के लिए चेहरा फिलहाल दो नाम सामने है मनोज तिवारी और हर्षवर्धन शर्मा।
दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले डीटीसी के मुफ़्त सवारी पर सवार होकर केजरीवाल कितना इलेक्टोरल माइलेज निकाल पायेगें। ये देखना बेहद खासा दिलचस्प रहेगा।

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