Kanpur Encounter: Vikas Dubey की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस को मिले ये अहम सुराग

नई दिल्ली (दिगान्त बरूआ): लंबे नाटकीय घटनाक्रम के बाद कानपुर में चौबेपुर के बिकरू गांव में 8 यूपी पुलिस के ज़वानों की हत्या का दोषी विकास दुबे (Vikas Dubey) आखिरकर पकड़ लिया गया। विकास की गिरफ्तारी महाकाल की नगरी उज्जैन में हुई है। फिलहाल यूपी एसटीएफ ने उसे इंदौर से लखनऊ ले जाने के लिए चार्टर्ड प्लेन की खास व्यवस्था कर रखी है। भारी पुलिस बल की सुरक्षा के बीच उसे उज्जैन के पुलिस ट्रेनिंग सेन्टर (Ujjain’s Police Training Center) में रखा गया है।

अब इस मामले में इंडियन नेशनल कांग्रेस (Indian National Congress) भी कूद पड़ी है। कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। कांग्रेस के निशाने पर एमपी के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (MP’s Home Minister Narottam Mishra) है। जो कि पहले कानपुर से भाजपा के चुनाव प्रभारी हुआ करते थे। कांग्रेस के मुताबिक ये सारी कवायद पहले से ही तय थी। विकास दुबे की गिरफ्तारी से पहले ही महाकाल थाने में पुलिस वालों के बड़े पैमाने पर तबादला किया गया। गौरतलब है कि विकास दुबे की गिरफ्तारी उज्जैन महाकाल मंदिर (Ujjain Mahakal Temple) से हुई, जो कि इस थानाक्षेत्र के अन्तर्गत आता है।

मामले पर प्रियंका गांधी ने कहा- कानपुर में हुए पुलिसकर्मियों के हत्याकांड (Massacre of policemen) में उत्तर प्रदेश सरकार को जिस मुस्तैदी से काम करना चाहिए था, इसमें वे पूरी तरह नाकाम साबित हुई। अलर्ट के बावजूद आरोपी विकास दुबे का उज्जैन तक पहुंचना, न सिर्फ सुरक्षा के दावों की पोल खोलता है बल्कि कथित मिलीभगत की ओर भी इशारा करता है। तीने महीने पहले उसके खिल़ाफ शिकायत दर्ज करवायी गयी, उस पर यूपी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिसिया अपराधिक रिकॉर्ड (Police criminal records) में उस नाम तक नहीं दर्ज है। साफतौर पर उसके कनेक्शन दूर तक जुड़े हुए।

मामले पर मध्य प्रदेश कांग्रेस ने ट्विट कर लिखा कि, उज्जैन कलेक्टर ने कहा कि- महाकाल मंदिर के प्राइवेट सुरक्षा गार्ड (Private security guard) ने विकास को पकड़ा। फिर मुख्यमंत्री शिवराज (Chief Minister Shivraj Chauhan) और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा पुलिस को किस बात की बधाई दे रहे हैं?  संरक्षण और ख़ातिरदारी की?

उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने ट्विट कर मामले को पूरी तरह से मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से जोड़कर ट्विट कर लिखा कि- आप Chronology से जुड़े कुछ तथ्य समझिए, विकास दुबे उज्जैन से गिरफ्तार हुआ, नरोत्तम मिश्रा मध्यप्रदेश के गृह मंत्री है, नरोत्तम मिश्रा उज्जैन के प्रभारी मंत्री है, नरोत्तम मिश्रा कानपुर चुनाव में प्रभारी थे, विकास दुबे कानपुर का रहने वाला है।

एमपी कांग्रेस ने गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा पर सीधा हमला करते हुए लिखा कि- मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा यूपी चुनाव में कानपुर के प्रभारी थे आगे आप खुद समझदार हैं।

गिरफ्तारी से पहले महाकाल दर्शन के लिए वीआईपी पर्ची पर उसने अपना वास्तविक नाम लिखवाया था। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि, अगर वो पुलिस से छिप रहा था तो उसने जानबूझकर इतनी बड़ी गलती क्यों की? किसके कहने पर वो उज्जैन पहुँचा था? पुलिस के कड़े बंदोबस्त के बावजूद यूपी से हरियाणा और फिर हरियाणा के रास्ते यूपी होते हुए वो मध्य प्रदेश कैसे पहुँचा? उसे किसका राजनीतिक संरक्षण (Political patronage) हासिल था? तीन राज्यों की पुलिसिया व्यवस्था में उसने कैसे सेंध लगाई? उसकी गिरफ्तारी से ठीक पहले महाकाल पुलिस चौकी में कई पुलिसकर्मियों के तबादले (Transfer of policemen) किसके कहने पर हुए? विकास के खिलाफ तीन महीने पहले यूपी पुलिस में शिकायत दी गयी थी, उस वक़्त रहते कार्रवाई क्यों नहीं की गई? ये सभी सवाल अभी ढूढ़े जाने बाकी है। अब देखना ये है कि, कांग्रेस के इन सवालों और आरोपों का क्या ज़वाब मिलता है।

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