न्यूज डेस्क (मातंगी निगम): उत्तर प्रदेश के माफिया से राजनेता बने अतीक अहमद (Atiq Ahmed) के भाई अशरफ अहमद, जो कि साल 2006 के उमेश पाल अपहरण मामले में बरी किये गये सात अभियुक्तों में से एक हैं, ने हाल ही में दावा किया कि एक जेल अधिकारी ने उसे धमकी देते हुए कहा कि उसे दो हफ्तों में एनकाउटंर में मार दिया जायेगा। बीते मंगलवार (28 मार्च 2023) को बरेली जेल लाये जाने पर अशरफ ने कहा कि, “मुझे एक पुलिस अधिकारी ने धमकी दी है कि मुझे 2 हफ्तें में जेल से बाहर ले जाया जायेगा और एनकाउंटर में मार दिया जायेगा।”
अशरफ अहमद (Ashraf Ahmed) ने आगे कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) उनके दर्द को समझते हैं क्योंकि उनके खिलाफ भी फर्जी मामले भी दर्ज किये गये थे। उसने दावा किया कि धमकी एक वरिष्ठ अधिकारी की ओर से दी गई थी जिसका नाम मुख्यमंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश और इलाहाबाद के मुख्य न्यायाधीश को वो बतायगा।
अशरफ ने कहा कि, “ये धमकी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी थी। मैं उनका नाम नहीं बता सकता, लेकिन अगर मुझे मार दिया गया तो बंद लिफाफे में मुख्यमंत्री और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और इलाहाबाद (Allahabad) के मुख्य न्यायाधीश के पास पहुंच जाएगा, जिसमें उनका नाम होगा।” .
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज एमपी-एमएलए कोर्ट (Prayagraj MP-MLA Court) ने बीते मंगलवार (28 मार्च 2023) को अतीक अहमद को उमेश पाल अपहरण मामले में दोषी ठहराया गया, मामले में अतीक को मृतक उमेश पाल के अपहरण मामले में कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी। मामले में कोर्ट की प्रक्रिया का सामना करने के लिये अशरफ को बरेली (Bareilly) जेल जबकि अतीक को गुजरात की साबरमती (Sabarmati) जेल लाया गया।
ये पहली बार है कि अतीक अहमद जिसके खिलाफ पिछले 43 सालों में 100 से अधिक मामले दर्ज हैं, को किसी मामले में दोषी ठहराया गया है। कोर्ट ने दिनेश पासी और खान सौलत हनीफ (Dinesh Pasi and Khan Soulat Haneef) को भी उम्रकैद की सजा सुनाई और तीनों दोषियों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। इस मामले में अतीक अहमद के भाई अशरफ समेत सात अन्य आरोपियों को बरी कर दिया गया।
साल 2005 में बसपा विधायक राजू पाल (Raju Pal) की हत्या के मामले में एक वकील और मुख्य गवाह उमेश पाल की इस साल 24 फरवरी को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। अतीक अहमद उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal Murder Case) का मुख्य आरोपी भी है। उमेश पाल के अलावा उनके दो सुरक्षाकर्मियों की भी गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी।
पूर्व सांसद और विधायक अतीक अहमद को उत्तर प्रदेश पुलिस अहमदाबाद (Ahmedabad) की साबरमती जेल से 24 घंटे से ज्यादा लंबी ड्राइव के बाद बीते सोमवार (27 मार्च 2023) को प्रयागराज की नैनी जेल (Prayagraj’s Naini Jail) ले आयी थी।
उमेश पाल की मां शांति देवी ने अदालत के फैसले के बाद कहा कि अतीक अहमद को उनके बेटे की हत्या करने के लिये फांसी की सजा दी जानी चाहिये थी। उन्होंने मीडिया से कहा कि, “उसे (अतीक अहमद) मेरे बेटे का अपहरण करने के लिये उम्रकैद की सजा सुनायी गयी, लेकिन उसे मेरे बेटे की हत्या के लिये मौत की सजा दी जानी चाहिये। मुझे यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है।”
बसपा विधायक राजू पाल की 25 जनवरी 2005 को हत्या कर दी गयी थी। इस दौरान दो अन्य देवीलाल पाल और संदीप यादव (Devilal Pal and Sandeep Yadav) की भी हत्या कर दी गयी थी। उमेश पाल का 28 फरवरी 2006 को अपहरण कर लिया गया था। अतीक अहमद ने धूमनगंज (Dhoomanganj) थाना इलाके के फांसी इमली के पास लैंड क्रूजर वाहन में उनका कथित तौर पर अपहरण कर लिया था।
अपहरण के बाद राजू पाल को पीटा गया और बिजली का करंट लगाया गया। और अतीक ने 1 मार्च, 2006 को उमेश पाल को अपने पक्ष में लिखित बयान देने के लिये मजबूर किया, कि वो मौका-ए-वारदात पर मौजूद नहीं थे और गवाही नहीं देना चाहते थे। उमेश पाल ने उस साल उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार बनने के बाद जुलाई 2007 में धूमनगंज थाने में अपहरण का मामला दर्ज कराया था।