Corona Virus के बाद भारत में आने‌ वाली है दूसरी बड़ी तबाही, पीएम मोदी ने बुलाई Emergency Meeting

न्यूज डेस्क (निकुंजा राव): वायरस इन्फेक्शन की वैश्विक महामारी के बीच एक बड़ी प्राकृतिक आपदा भारत को अपनी गिरफ्त में लेने वाली है। अम्फान नाम का चक्रवाती तूफान (Amphan cyclone) 20 मई को ओड़िशा और पश्चिम बंगाल में भारी तबाही मचा सकता है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक अम्फान अपने साथ 200 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवाओं को लेकर आ रहा है। भारी बारिश और तेज हवाओं के बीच बंगाल की खाड़ी से होते हुए ये ओड़िशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों (Coastal areas) में अपना असर दिखाएगा। चक्रवाती तूफान का असर दक्षिण भारत के तटीय इलाकों में पड़ने की पूरी संभावना है। जिसके चलते मछुआरों को चेतावनी जारी कर दी गई। चक्रवाती तूफान का केंद्र बिंदु बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) का दक्षिणी पूर्वी हिस्सा है, जहां निम्न दाब वाला इलाका साइक्लोन तब्दील हो गया है। हालातों को देखते हुए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Chief Minister Naveen Patnaik) और सीएम ममता बनर्जी ने प्रशासनिक अमले को जरूरी निर्देश जारी कर दिए। आपदा के हालातों से लड़ने के लिए भारतीय नौसेना, कोस्ट गार्ड (Coast guard) और एनडीआरएफ को हाई अलर्ट कर दिया गया है।

चक्रवाती तूफान से जुड़ी तैयारियों का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने उच्च स्तरीय आपातकालीन (High level emergency meeting) बैठक बुलाई। बैठक में गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति के अधिकारी भाग लेंगे। हाल ही में कैबिनेट सचिव राजीव गौबा (Cabinet Secretary Rajiv Gauba) ने गृह सचिव अजय भल्ला के साथ मिलकर हालातों की समीक्षा करते हुए राहत एवं बचाव के काम की तैयारियों से जुड़े आवश्यक निर्देश जारी किये। साथ ही मामले पर राज्य सरकारों से आवश्यक सुझाव भी मांगे गए। चक्रवाती तूफान (Cyclonic storm) को देखते हुए संबंधित राज्यों में श्रमिक ट्रेनों के आवागमन पर तत्काल रोक लगा दी गई है। ओड़िशा के स्पेशल रिलीफ़ कमिश्नर (Special Relief Commissioner from Odisha) पीके जेना ने दावा किया कि- चक्रवाती तूफान के खतरे को देखते हुए 11 लाख लोगों को सुरक्षित इलाकों में ले जाने के लिए इंतजाम कर लिए गए हैं।

एनडीआरएफ के डीजी एसएन प्रधान (NDRF D.G. SN Pradhan) के मुताबिक फिलहाल उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में 17 टीमों की तैनाती की गई है। साथ ही बल की दूसरी यूनिटों को हाई अलर्ट मोड पर रखा गया है। एनडीआरएफ स्थानीय प्रशासन, राज्य सरकार और मौसम विभाग (weather department) के संपर्क में हैं।

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