Lockdown के मसले पर Congress ने Centre Govt. से की ये गुज़ारिश

नई दिल्ली (दीपक खन्ना): वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग (video conferencing) के जरिये मीडिया से मुखातिब होते हुए कांग्रेस पार्टी की ओर से वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी (Manish Tiwari) ने उम्मीद ने जतायी कि, जल्द ही पीएम मोदी राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन (Nationwide lockdown) खोलेगें। साथ ही उन्होनें रोजाना होने वाले एक लाख कोरोना टेस्ट (Corona Tests) के सरकारी दावों पर शक ज़ाहिर किया और कहा कि, प्रतिदिन होने वाली जांचों का आंकड़ा 39,000 है। जल्दबाज़ी में कदम उठाने के कारण सरकार हालातों का सही अन्दाज़ा लगाने में नाकाम रही है। ये बेहद खेदज़नक है कि बड़े पैमाने पर कोरोना वायरस टेस्टिंग करने में केन्द्र का रवैया लचर रहा।

आर.एन.ए. किट्स के मसले पर सरकार को घेरते हुए उन्होनें ने कहा कि- देश में सिर्फ 3 लाख किट्स बची हुई है। अगर केन्द्र सरकार रोजाना 39,000 रैंडम टेस्टिंग (Random Tests) करती तो जांच किटें सिर्फ एक हफ़्ते में ही खत्म हो जाती। केन्द्र को चाहिए कि फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर्स (Corona Warriors) को वेंटिलेटर (Ventilators), मास्क और पीपीई किट्स पर्याप्त मात्रा में मुहैया करवाये। सरकार की ओर से उठाये गये कदम नाकाफी और बेअसर है। कांग्रेस ने केन्द्र से कई बार लॉकडाउन लगाने की गुज़ारिश की थी। लेकिन हुआ क्या राष्ट्रव्यापी लॉक डाउन डिजास्टर मैनेजमेंट अधिनियम (Disaster management act) के तहत उठाया गया कदम था? कांग्रेस की ओर से बार-बार लॉकडाउन करने की बात के बावजूद केन्द्र सरकार एक महीने से ज़्यादा वक़्त तक सोती रही। हम उम्मीद करते है कि, जल्द ही पीएम मोदी सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मिलकर बढ़ रहे वायरस इंफेक्शन (virus infection) से लड़ने के लिए कारगर रणनीति तैयार करेगें।

प्रवासी मजदूरों (migrant laborers) को होने वाली परेशानियों के मुद्दे पर उन्होनें कहा- लॉकडाउन लागू होने से लेकर अब तक प्रवासी मजदूरों को अमानवीय व्यवहार (inhuman behavior) झेलना पड़ रहा है। पीएम को राज्यों से मिलकर इन प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुँचाने की योजना पर काम करना चाहिए।

इसके साथ ही कांग्रेस ने 16 मई को गठित हुई कोविड टास्क फोर्स (Covid Task Force) पर बड़े सवालिया निशान लगाते हुए, केन्द्र सरकार से मामले पर सफाई मांगी।

Leave a comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More