LIVE Virtual Rally of PM Modi: बिहार को मिली 901 करोड़ रूपये की जनकल्याणकारी परियोजनायें, आर्थिक और राजनीतिक वज़हों से पिछड़ा रहा प्रदेश

नई दिल्ली (विश्वरूप प्रियदर्शी): नंवबर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों से पहले केन्द्र सरकार ने अपनी झोली सूबे के लिए खोल दी है। आज पीएम मोदी ने वर्चुअल  रैली (Virtual Rally of PM Modi) कर बिहार के लिए विभिन्न जन कल्याणकारी परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण (Foundation Stone and Inauguration of Public Welfare Projects) किया। इसके अन्तर्गत प्रधानमंत्री ने चंपारण में हिंदुस्‍तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) और दुर्गापुर-बांका क्षेत्र में इंडियन ऑयल (Indian Oil) के नवनिर्मित बांका एलपीजी बॉटलिंग प्लांट, पारादीप-हल्दिया-दुर्गापुर पाइपलाइन के दुर्गापुर-बांका खंड के 634 करोड़ की लागत से तैयार 193 किमी लंबी पाइपलाइन का उद्घाटन किया। कयास लगाये जा रहे है कि प्रदेश में आचार संहिता (Election Code of Conduct) लागू होने से पहले तकरीबन 16 हजार करोड़ की जन परियोजनाओं को हरी झंडी दिये जाने का रोडमैप तैयार किया जा चुका है।

Virtual Rally के दौरान पीएम मोदी के संबोधन के मुख्य अंश:

  • कुछ वर्ष पहले जब बिहार के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की गई थी, तो उसमें बहुत फोकस राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर पर था। मुझे खुशी है कि इसी से जुड़े एक महत्वपूर्ण गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट के दुर्गापुर-बांका सेक्शन का लोकार्पण का मुझे सौभाग्य मिला है।
  • बिहार के लिए जो प्रधानमंत्री पैकेज दिया गया था, उसमें पेट्रोलियम और गैस से जुड़े 10 बड़े प्रोजेक्ट थे। इन प्रोजेक्ट्स पर करीब-करीब 21 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाने थे। आज ये सातवां प्रोजेक्ट है जिसमें काम पूरा हो चुका है, जिसे बिहार के लोगों को समर्पित किया जा चुका है।
  • इससे पहले पटना LPG प्लांट के विस्तार और Storage Capacity बढ़ाने का काम हो, पूर्णिया के LGP प्लांट का विस्तार हो, मुजफ्फरपुर में नया LGP प्लांट हो, ये सारे प्रोजेक्ट पहले ही पूरे किए जा चुके हैं।
  • जगदीशपुर-हल्दिया पाइपलाइन प्रोजेक्ट का जो हिस्सा बिहार से गुजरता है, उस पर भी काम पिछले साल मार्च में ही समाप्त कर लिया गया है। मोतीहारी अमलेखगंज पाइपलाइन पर भी पाइपलनाइन से जुड़ा काम पूरा कर लिया गया है।
  • अब देश और बिहार, उस दौर से बाहर निकल रहा है जिसमें एक पीढ़ी काम शुरू होते देखती थी और दूसरी पीढ़ी उसे पूरा होते हुए। नए भारत, नए बिहार की इसी पहचान, इसी कार्यसंस्कृति को हमें और मजबूत करना है।
  • बिहार सहित पूर्वी भारत में ना तो सामर्थ्य की कमी है और ना ही प्रकृति ने यहां संसाधनों की कमी रखी है। बावजूद इसके बिहार और पूर्वी भारत विकास के मामले में दशकों तक पीछे ही रहा। इसकी बहुत सारी वजहें राजनीतिक थी, आर्थिक थीं, प्राथमिकताओं की थीं।
  • गैस बेस्ड इंडस्ट्री और पेट्रो-कनेक्टिविटी, ये सुनने में बड़े टेक्नीकल से टर्म लगते हैं लेकिन इनका सीधा असर लोगों के जीवन पर पड़ता है, जीवन स्तर पर पड़ता है। गैस बेस्ड इंडस्ट्री और पेट्रो-कनेक्टिविटी रोजगार के भी लाखों नए अवसर बनाती है।
  • आज जब देश के अनेकों शहरों में CNG पहुंच रही है, PNG पहुंच रही है, तो बिहार के लोगों को, पूर्वी भारत के लोगों को भी ये सुविधाएं उतनी ही आसानी से मिलनी चाहिए। इसी संकल्प के साथ हम आगे बढ़े।
  • प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा योजना के तहत पूर्वी भारत को पूर्वी समुद्री तट के पारादीप और पश्चिमी समुद्री तट के कांडला से, जोड़ने का भागीरथ प्रयास शुरु हुआ। करीब 3 हज़ार किलोमीटर लंबी इस पाइपलाइन से 7 राज्यों को जोड़ा जा रहा है जिसमें बिहार का भी प्रमुख स्थान है।
  • इसी गैस पाइपलाइन की वजह से अब बिहार में ही सिलेंडर भरने के बड़े-बड़े प्लांट्स लग पा रहे हैं। बांका और चंपारण में ऐसे ही 2 नए Bottling Plants का आज लोकार्पण किया गया है। इन दोनों प्लांट्स में हर साल सवा करोड़ से ज्यादा सिलेंडर भरने की क्षमता है।
  • इन प्लांट्स से आपके बिहार के बांका, भागलपुर, जमुई, अररिया, किशनगंज, कटिहार, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, मुज़फ़्फ़रपुर, सिवान, गोपालगंज और सीतामढ़ी जिलों को सुविधा मिलेगी।
  • उज्जवला योजना की वजह से आज देश के 8 करोड़ गरीब परिवारों के पास भी गैस कनेक्शन मौजूद है। इस योजना से गरीब के जीवन में क्या परिवर्तन आया है, ये कोरोना के दौरान हम सभी ने फिर महसूस किया है।
  • कोरोना के इस दौर में उज्जवला योजना की लाभार्थी बहनों को करोड़ों सिलेंडर मुफ्त में दिए गए हैं। इसका लाभ बिहार की भी लाखों बहनों को हुआ है, लाखों गरीब परिवारों को हुआ है।
  • एक समय था जब बिहार में एलपीजी गैस कनेक्शन होना बड़े संपन्न लोगों की निशानी होता था। एक एक गैस कनेक्शन के लिए लोगों को सिफारिशें लगवानी पड़ती थीं। जिसके घर गैस होती थी, वो माना जाता था कि बहुत बड़े घर-परिवार से है।
  • जो समाज में हाशिए पर थे, पीड़ित थे, वंचित थे, पिछड़े थे, अतिपिछड़े थे, उन्हें कोई पूछता नहीं था। उनके दुख, उनकी तकलीफों को देखकर भी नजरअंदाज कर दिया जाता था। लेकिन बिहार में अब ये अवधारणा बदल चुकी है।
  • जब मैं कहता हूँ कि बिहार देश की प्रतिभा का पावरहाउस है, ऊर्जाकेंद्र है तो ये कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। बिहार के युवाओं की, यहाँ की प्रतिभा का प्रभाव सब जगह है।
  • भारत सरकार में भी बिहार के ऐसे कितने ही बेटे-बेटियां हैं जो देश की सेवा कर रहे हैं, दूसरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं। आप किसी भी IIT में चले जाइए, वहाँ भी बिहार की चमक दिखेगी।
  • बिहार की कला, यहाँ का संगीत, यहाँ का स्वादिष्ट खाना, इसकी तारीफ तो पूरे देश में होती ही है। आप किसी दूसरे राज्य में भी चले जाइए, बिहार की ताकत, बिहार के श्रम की छाप आपको हर राज्य के विकास में दिखेगी।
  • बिहार का सहयोग सबके साथ है। यही तो बिहार है, यही तो बिहार की अद्भुत क्षमता है। इसलिए, ये हमारा भी कर्तव्य है, और मैं तो कहूँगा कि कहीं न कहीं हमारे ऊपर बिहार का कर्ज है, कि हम बिहार की सेवा करें।
  • हम बिहार के हर एक सेक्टर के विकास को आगे बढ़ा रहे हैं, हर एक सेक्टर की समस्याओं के समाधान का प्रयास कर रहे हैं, ताकि बिहार विकास की नई उड़ान भरे। उतनी ऊंची उड़ान भरे जितना ऊंचा बिहार का सामर्थ्य है।
  • आज बिहार में शिक्षा के बड़े-बड़े केंद्र खुल रहे हैं। अब एग्रीकल्चर कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या बढ़ रही है। अब राज्य में IIT, IIM, ट्रिपल IT, बिहार के नौजवानों के सपनों को ऊंची उड़ान देने में मदद कर रहे हैं।
  • नीतीश जी के शासन के दौरान ही बिहार में दो केंद्रीय विश्वविद्यालय, एक IIT, एक IIM, एक निफ्ट, एक नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट जैसे अनेकों बड़े संस्थान खुले हैं। नीतीश जी के प्रयासों के चलते आज बिहार में पॉलीटेक्निक संस्थानों की संख्या भी पहले के मुकाबले तीन गुना से ज्यादा हो गई है।
  • बिहार में बिजली की क्या स्थिति थी, ये भी जगजाहिर है। गांवों में दो-तीन घंटे बिजली आ गई तो भी बहुत माना जाता था। शहर में रहने वाले लोगों को भी 8-10 घंटे से ज्यादा बिजली नहीं मिलती थी। आज बिहार के गांवों में, शहरों में बिजली की उपलब्धता पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा हुई है।
  • इतनी बड़ी वैश्विक महामारी देश के प्रत्येक व्यक्ति के लिए अनेकों परेशानियां लेकर आई है। लेकिन इन परेशानियों के बाद भी देश रुका नहीं है, बिहार रुका नहीं है, बिहार थमा नहीं है।
  • कोरोना संक्रमण अभी भी हमारे बीच में मौजूद है। जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं! इसलिए, दो गज़ की दूरी, साबुन से हाथ की नियमित सफाई, यहां वहां थूकने से मनाही और चेहरे पर मास्क, इन जरूरी बातों का हमें खुद भी पालन करना है और दूसरों को भी याद दिलाते रहना है।
Leave a comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More