सिद्धार्थ वरदराजन के लिए राहत की बात, एडिटर्स गिल्ड ने यूपी सरकार को लताड़ा

नई दिल्ली ब्यूरो (गौरांग यदुवंशी): द वायर (The Wire) न्यूज़ पोर्टल के फाउंडिंग एडिटर (founding editor) के खिलाफ दर्ज हुई प्राथमिकी (FIR) को लेकर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (Editors Guild of India) ने उत्तर प्रदेश सरकार की जमकर आलोचना की है। इस बीच जानी-मानी समाजशास्त्री और सिद्धार्थ वरदराजन की पत्नी नंदिनी सुंदर ने बताया कि, उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से हाल ही में उन्हें एक नोटिस जारी किया गया है, जिसके मुताबिक दर्ज की गई एफ.आई.आर. के सिलसिले से उन्हें आगामी 14 अप्रैल को अयोध्या में पेश होना होगा। नंदिनी सुंदर ने यह भी बताया कि, लॉक डाउन के हालातों के बीच यूपी पुलिस नोटिस देने के लिए दिल्ली की ओर रवाना हो चुकी है।

इसी बाबत नंदिनी सुंदर ने ट्वीट कर लिखा कि-योगी आदित्यनाथ का प्रशासन पुलिस का जमकर दुरुपयोग कर रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार का ये रवैया प्रेस के प्रति असहिष्णुता को दिखाता है। ये साफ है कि कोविड-19 के कारण लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के सख्त निर्देश देशभर में लागू किए गए हैं। पर इससे कोई फर्क पड़ता नहीं दिख रहा है।

उत्तर प्रदेश पुलिस ने इसी महीने की शुरुआत में सिद्धार्थ वरदराजन के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज करते हुए, उन पर कथित तौर पर रामनवमी उत्सव के मुद्दे को लेकर योगी आदित्यनाथ पर गलत बयानी करने के आरोप दर्ज किये थे। गौरतलब है कि दोनों एफ.आई.आर. अयोध्या में दर्ज की गई है। जिसमें से एक प्राथमिकी फैजाबाद कोतवाली के प्रभारी नीतीश कुमार श्रीवास्तव ने दर्ज करवाई है। वरदराजन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (शासकीय आदेशों की अवहेलना), 505(2) (समुदायों को भड़काने के लिए इरादतन बयानबाजी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। दूसरी एफ.आई.आर में उनके खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66-डी (सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल धोखाधड़ी हेतु) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

मामले पर दी एडिटर गिल्ट्स ऑफ इंडिया ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा- एफ.आई.आर. की आड़ में अनावश्यक पुलिसिया कार्रवाई हो रही है। अपने आप में ये एक तरह से धमकी है। मीडिया को ऐसी धमकी देना और बड़े पैमाने पर श्रमिकों के पलायन का दोषी बताना गलत है। मामला बीते 31 मार्च को प्रकाश में आया। तबलीगी जमात से जुड़ा एक आर्टिकल द वायर पर पब्लिश हुआ, इस आर्टिकल में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के बयान का हवाला दिया गया, जिसमें वो कह रहे थे कि भगवान राम अपने भक्तों की रक्षा कोरोनावायरस से करेंगे। आर्टिकल में छपी ये पंक्तियां उत्तर प्रदेश पुलिस को आपत्तिजनक लगी जिसके आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई।

कथित रूप से आपत्तिजनक पैराग्राफ को वरदराजन ने ट्विटर पर साझा किया। जिसमें लिखा था कि- जिस दौरान तबलीगी जमात का कार्यक्रम हो रहा है, ठीक उसी समय योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में अयोध्या में बड़े पैमाने पर 25 मार्च से 2 अप्रैल के बीच एक बड़ा मेला आयोजित किया जाना तय किया गया था। ट्वीट कर वे (योगी आदित्यनाथ) लिखते हैं कि प्रभु राम अपने भक्तों की रक्षा कोरोनावायरस से करेंगे।

द वायर की ओर से मामले पर स्पष्टीकरण भी सामने आया। स्पष्टीकरण के मुताबिक आर्टिकल में उद्धृत किया गया बयान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नहीं बल्कि राम मंदिर ट्रस्ट के आधिकारिक प्रमुख आचार्य परमहंस ने दिया था। 1 अप्रैल को सिद्धार्थ वरदराजन ने ट्वीट कर ठीक ये बात कही थी।

Leave a comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More