Navjyot Singh Sidhu हुए फरार, 4 दिन से परेशान है बिहार पुलिस

न्यूज़ डेस्क (शैषेन्द्र गजपति): बीते 16 अप्रैल 2019 को क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने चुनावी आचार संहिता को धत्ता बताते हुए, चुनावी रैली के दौरान भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल किया। जिसके चलते उनके खिलाफ बारसोई थाने में शिकायत संख्या 93/19 दर्ज करवाई गई। उस दौरान नवजोत सिंह सिद्धू स्थानीय कांग्रेसी प्रत्याशी तारिक अनवर (Local Congress candidate Tariq Anwar) के पक्ष में चुनावी रैली संबोधित कर रहे थे। मामला सामने आने पर उनके खिलाफ न्यायिक परिवाद दर्ज किया गया। मामले से जुड़े जांच अधिकारी जनार्दन राम और जावेद आलम को काग़जी कार्रवाई के लिए कटिहार से अमृतसर (Amritsar) भेजा गया है। फिलहाल दोनों जांच अधिकारी 4 दिन से सिद्धू के घर के बाहर डेरा डाले हुए हैं। लेकिन अभी तक उनकी मुलाकात नवजोत सिंह सिद्धू से नहीं हो पाई है।

कटिहार में हुई रैली के दौरान उन्होंने एक खास समुदाय (Particular community) को एकजुट होकर कांग्रेस को वोट देने की अपील की थी। सूबे में समुदाय विशेष की आबादी 64 फ़ीसदी है। ऐसे में वे अगर कांग्रेस (Congress) को बिहार में जीत दिलवाते है तो, पंजाब में काम करने वाले समुदाय विशेष के प्रवासी मजदूरों का खास ख्याल रखने वादा उन्होंने किया। उन्होंने कहा कि, बिहार में जाति, समुदाय के नाम पर सियासत होती है। लोगों को बांटा जाता है। भाजपा (BJP) वाले समुदाय विशेष के वोट बांटने की कोशिश करेंगे। अगर समुदाय के सभी लोग एकजुट रहेंगे तो कांग्रेस को कोई हरा नहीं पाएगा। नवजोत सिंह सिद्धू के इस राजनीतिक बयान (Political statement) के बाद स्थानीय भाजपाई नेताओं की तहरीर पर मामला दर्ज कर लिया गया।

मामला दर्ज होने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू को थाने से तुरंत ही अग्रिम जमानत (Anticipatory bail) मिल गई थी। फिलहाल जमानत का वक्त खत्म होने को है। जिसके चलते बारसोई थाने ने उनके ख़िलाफ़ समन जारी किया गया है। इसी कारण कटिहार (Katihar) से जांच अधिकारियों को अमृतसर आना पड़ा। बिहार पुलिस (Bihar Police) के दोनों जवान उनके घर के सामने 4 दिन से बेल बांड पेपर (Bell bond paper) पर हस्ताक्षर करवाने के लिए डटे हुए हैं। अगर सिद्धू ने इन कागजात पर साइन नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट (arrest warrant) भी जारी हो सकता है। कहीं ना कहीं नवजोत सिंह सिद्धू को अपने गिरफ्तारी का डर सता रहा है, जिसके कारण वो बिहार पुलिस को ज़वाब देने में कतरा रहे हैं।

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