नई दिल्ली (प्रगति चौरसिया): विशाखापट्टनम (Visakhapatnam) के वाईजैग (Vizag) में बीती रात एलजी पॉलिमर्स इंडिया (LG Polymers India) के प्लांट से ज़हरीली गैस का रिसाव हुआ। जिसकी वजह से 3 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोग बुरी तरह प्रभावित हुए। दहशत के माहौल के बीच कई लोग घर छोड़कर भाग गए तो कई बेहोश पाये गये। सिर्फ यही नहीं बल्कि इस घटना से बेज़ुबान जानवर भी बेमौत मारे गये। हाल में मिले समाचार के मुताबिक 70 से ज्यादा लोग बेहोश पाए गये और साथ ही 11 लोगों की मौत की पुष्टि की गई। स्थानीय प्रशासन बचाव और राहत के कामों को काफी तेज़ी से अंजाम दे रहा है। लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने पर खासा ज़ोर दिया जा रहा है। इलाका खाली कराने के साथ साथ स्थानीय अस्पताल हाई अलर्ट मोड पर हैं। कुल मिलाकर हालात 1984 भोपाल गैस कांड (Bhopal Gas Tragedy) त्रासदी से मिलते जुलते दिख रहे हैं।
तड़के सुबह स्थानीय लोग गैस की चपेट में आने वाले पीड़ितों को अस्पताल की ओर लेकर भागते दिखे। ज़हरीली गैस की चपेट में आने वाले लोगों को सांस लेने में दिक्कत, आंख और गले में जलन, खुजली समेत घुटन से जुड़ी परेशानियों का सामना करते देखा गया। इलाका खाली करने की कवायद के तहत 8000 से ज़्यादा लोगों का विस्थापित होना तय है। फिलहाल 5 गांव ज़हरीली स्टीरीन बेंजीन गैस की चपेट में बताए जा रहे हैं। गैस का इस्तेमाल प्लास्टिक पेंट (Plastic Paint) बनाने में किया जाता है। इंसानी संपर्क में आने पर ये गैस तंत्रिका तंत्र पर हमला करती है। बता दें कि रात ढाई बजे एलजी पॉलिमर उद्योग में रसायनिक गैस लीक हुई। इस पूरी घटना के बाद दूर-दूर तक की हवा ज़हरीली हो गई। जिस कारण 8 हज़ार लोगों को घर छोड़ना पड़ा।
भयानक मंज़र देखकर पुलिस भी हुई हैरान
गैस की चपेट में आने से केवल मानव ही नहीं बल्कि जानवरों का भी हाल दूभर है। कई पशु-पक्षी सड़कों पर मरे पड़े पाए गए। कोई डिवाइडर पर तो कोई नाले में गिरा मिला। ऐसी भयावह स्तिथि को देखकर पुलिस प्रशासन भी बेहाल हो गया, फिर भी राहत बचाव का कार्य जारी रखा। फिलहाल पूरे क्षेत्र को खाली कर दिया गया है। पुलिस और राहत बचावकर्मियों को छोड़कर किसी को भी क्षेत्र में दाखिल होने की इजाज़त नहीं है।
गैस रिसाव का ज़िम्मेदार कौन ?
वेंकट पुरम गांव में स्थित एलजी पॉलिमर 1997 से चल रहा है। पहले यह क्षेत्र शहर के बाहर गिना जाता था लेकिन 2000 के बाद से यहां बसाहट बढ़ना शुरू हुई। नई इमारतें बनी और लोग स्थाई रूप से रहने लगे। फिलहाल तो लॉकडाउन (Lockdown) में फैक्ट्री बन्द थी। इस दौरान गैस का रिसाव कैसे हुआ इस पर अभी प्रश्न चिह्न लगा हुआ है।
मुख्यमंत्री ने मुआवजे़ का किया ऐलान
घटना के बाद आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री पीड़ितों का हाल देखने किंग जॉर्ज अस्पताल पहुंचे। साथ ही उन्होंने घटना में मृत लोगों के परिजनों को 1 करोड़ मदद राशि देने का भी ऐलान किया। इसके अलावा वेंटिलेटर पर मौजूद मरीज़ों को 10 लाख और अस्पताल में भर्ती लोगों को 1-1 लाख राशि मदद के रूप में दी जाएगी।
केंद्र सरकार ने बुलाई आपातकालीन बैठक
इस पूरी घटना पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सख्त रवैया दिखाते हुए केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस लिखकर जवाब मांगा है। पीएम मोदी ने प्रदेश मुख्यमंत्री जगत मोहन रेड्डी से बातचीत में यह भी कहा कि केंद्र हर संभव मदद के लिए तत्पर है। घटना को संज्ञान में लेते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुबह 11 बजे आधिकारिक बैठक बुलाई। पीएम के प्रधान सचिव पीके मिश्रा का कहना है कि विशाखापट्टनम में राहत बचाव के लिए विशेष टीम भेजी गई है। गैस रिसाव को बंद कर दिया गया है। लेकिन राहत बचाव का कार्य अभी भी जारी है।
सोशल मीडिया पर कर रहे हैं दुआएं
विशाखापट्टनम में इस हालत को देखने के बाद पूरा देश चिंतित है। सोशल मीडिया पर #prayforVizag के साथ लोग दुआएं कर रहे हैं कि दोबारा उन्हें भोपाल गैस कांड जैसी त्रासदी न देखने को मिले।