मोदी सरकार का एक और बड़ा झटका, गरीबों और मिडिल क्लास पर पड़ेगा भारी असर

नई दिल्ली , 14 मार्च (एएनआई): सरकार ने शनिवार को पेट्रोल (petrol) और डीजल (diesel) पर उत्पाद शुल्क (excise duty) में 2 रुपये प्रति लीटर और सड़क सेस (road cess) पर 1 रुपये की बढ़ोतरी की, प्रभावी रूप से दोनों वस्तुओं पर 3 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की।

शनिवार को दिल्ली में पेट्रोल 69.87 रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल 62.58 रुपये प्रति लीटर बिक रहा था। यह फैसला वैश्विक कच्चे तेल में गिरावट के बीच आया क्योंकि सरकार ने अतिरिक्त धन की व्यवस्था करने के लिए अतिरिक्त राजस्व की मोहर लगाई।

फिर भी, पेट्रोल और डीजल की कीमतें कल की तुलना में मामूली कम हैं क्योंकि तेल विपणन कंपनियों ने बढ़ोतरी को अवशोषित करने और उपभोक्ता को कुछ लाभों को पारित करने का फैसला किया है।

वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें सऊदी अरब द्वारा कोरोनोवायरस (coronavirus) के प्रसार पर चिंता के साथ कीमत कम करने के बाद एक तिहाई के रूप में गिर गई।

कांग्रेस (Congress) पार्टी ने बुधवार को पेट्रोल, डीजल, एलपीजी की कीमत को लेकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि सरकार को पेट्रोल, डीजल, एलपीजी दरों को कम करके भारत के लोगों को राहत देनी चाहिए।

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने कहा कि, “अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें पिछले 15 वर्षों में कम-से-कम 35-38 अमरीकी डॉलर प्रति बैरल हैं, फिर भी पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं, जबकि आम लोग, मध्य वर्ग, किसान, ट्रांसपोर्टर और छोटे मध्यम व्यवसाय उच्च पेट्रोल दरों के दर्द को सहन कर रहे हैं, । सुरजेवाला ने साथ ही ने आंकड़े बताते हुए कहा कि 26 मई 2014 को भारतीय क्रूड बास्केट की कीमत 6,318.76 रुपये प्रति बैरल थी, जो आज घटकर मात्र 2,799.38 रुपये प्रति बैरल रह गई है

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