Virus Infection के खिल़ाफ A.I. Technique ने उतारे, ये पाँच कारगर हथियार

न्यूज़ डेस्क (प्रियंवदा गोप): Artificial intelligence और Machine learning मौजूदा दौर में Game changer साबित हो सकते हैं। जहां एक ओर जटिल एल्गोरिदम (complex algorithms) का इस्तेमाल करके कंप्यूटर को इंसानी समझ देने की कोशिश की जाती है। वहीं दूसरी ओर Machine learning की मदद से मोबाइल और दूसरे गैजेट्स (Gadgets) खुद से सीखने की काबिलियत पैदा करते हैं। इंफेक्शन के बढ़ते मामलों से निबटने के लिए वैज्ञानिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं। रोगियों की पहचान करने, किसी खास इलाके में इंफेक्शन डेंसिटी (Infection density) पर नज़र, संक्रमण के आंकड़े इकट्ठा करते हुए उनका विश्लेषण और इंसानी शरीर की जैविकीय छानबीन (Biological investigation) करने में ये अहम भूमिका निभा रहा। बड़े पैमाने पर ये तकनीक लोगों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही है।

जारविस थर्मल कैमरा (Zarvis Thermal Camera)- इसकी मदद से भीड़ में मौजूद किसी शख्स के शरीर के तापमान को नापा जा सकेगा। 100 मीटर के दायरे में अगर किसी व्यक्ति के शरीर का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा होगा तो उसकी पहचान आसानी से की जा सकेगी। ये तकनीक घने भीड़भाड़ वाले इलाकों (Crowded areas) में बुखार और कोरोना रोगियों अलग कर पाने में सक्षम है। सार्वजनिक स्थानों पर तैनाती के साथ, मेडिकल मॉनिटरिंग (Medical monitoring) के लिए ये यूजर को डाटा भी उपलब्ध करवाएगा।

टी रे थर्मोग्राफी (T ray thermography)- इस तकनीक का इस्तेमाल शैक्षणिक संस्थानों (Educational Establishments) और कार्यालयों में किया जा सकेगा। टेराहर्ट्स विकिरणों (Teraherts Radiations) का इस्तेमाल करते हुए एंट्री एग्जिट प्वाइंट्स (Entry exit points) उन लोगों की पहचान की जा सकेगी जिनके शरीर का तापमान असामान्य है। ताकि उन लोगों को संस्थान में प्रवेश करने से रोका जा सके।

एरियल ड्रोन (Aerial drone)- इस तकनीक का परीक्षण भारत के कई राज्यों में शुरू हो चुका है। ड्रोन (Drone) में इंफ्रारेड कैमरा (Infrared camera) फिट करके कंटेनमेंट, बफर और रेड जोन में उड़ाया जा सकेगा। भौगोलिक रूप से संक्रमण के आंकड़े तैयार करने में ये काफी सहायक होगा। साथ ही ये उन इलाकों में खास मदद मुहैया करवाएगा, जहां स्वास्थ्य कर्मी (Health worker) संक्रमण के खतरे के कारण पहुंच नहीं पाते।

डिजिटल थर्मामीटर (Digital Thermometer)- ये तकनीक फिलहाल अंडर ट्रायल परीक्षण से गुजर रही है। बुखार का पता लगाने के लिए थर्मामीटर को एंड्राइड डिवाइस (Android device) की बैटरी से जोड़कर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

संपर्क-ओ मीटर ऐप- इंफेक्शन के जोखिम को मापने के लिए इस मोबाइल ऐप (Mobile app) को तैयार किया गया है। इंफेक्शन के भौगोलिक और जनसांख्यिकीय मूल्यांकन (Geographic and demographic assessment of infection) के लिए इसे खास कोडिंग से लैस किया गया है। किसी खास इलाके में संक्रमण का अनुमान, जोखिम की दर (Rate of risk) और खतरे की रेटिंग इसकी मदद से की जा सकती है।

Photo Courtesy- enterprisetalk.com

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