सफर हो मुकाम और मंजिलों से दूर

ओ सफरनामा
सवालों का सफरनामा
ओ जिसे ढूंढा
जमाने में
मुझी में था
ओ मेरे सारे
जवाबों का सफरनामा

इन बेशकीमती लफ्जों को बेहद खूबसूरती और उम्दा तरीके से इरशाद कामिल ने पिरोया है, तमाशा फिल्म के इस गाने को लकी अली ने आवाज दी है। गाने की तास़ीर सीधे दिलों पर दस्तक देती हैं। रूह को सुकून पहुंचाते हुए ये गाना हमें तरोताजा कर देता है। इंसान की जिंदगी में सफर की क्या अहमियत है, ये गाना इसी ओर इशारा करता है। हम लोग अक्सर जिंदगी की आपाधापी में इतने मशगूल है कि, अच्छे सफर की अहमियत को दरकिनार कर देते हैं।

चाहे ये सफर कुदरत की गोद में बसे किसी पहाड़ी इलाके का हो, या कल-कल करते झरने का, समंदर की रेत हो या जंगल की हरियाली। बेहतरीन सफर इंसान को रूहानी सुकून देता है। तरोताज़गी देने के साथ ही, ये हमारी थकान मिटाता है। और हमें मिलती है, कई शानदार यादें।

नॉर्मन रीड्स ने वाकई क्या खूब कहा है- मैं हमेशा सफर के दौरान तस्वीरें लेता हूं। कैमरे में इन बेशकीमती पलों को कैद करके जिंदगी के तजुर्बे संजोता हूं। एक सफर कई पलों को जिंदगी भर के लिए अपना बना लेता है। जब हम इन्हीं पलों को कैमरें से तस्वीरों में बदलते हैं तो बेरंग सी जिंदगी में कई निराले रंग घुल जाते हैं।

अक्सर लोग अपनी जिंदगी में कारोबार की उठापटक और नौकरी से होने वाली सिरदर्दी से राहत पाने के लिए सफर पर निकलते हैं। इससे हमारी याददाश्त और भावनाओं को खास किस्म की नई ताकत मिलती है। एक यादगार सफरनामा हमारे दायरे बढ़ाता है। इसीलिए मौका मिलते ही हमें अपना बोरिया बिस्तर बांध कर सफर पर निकल जाना चाहिए। इससे हमें अलग-अलग मुल्कों के अनजान लोगों को जानने और उनकी सोच के दायरों से रूबरू होने का मौका मिलता है।

इसलिए दोस्तों जब भी आप लोगों को मुनासिफ़ वक्त मिले तो, नयी जगह के सफर पर निकलने के लिए तैयार हो जाए। जिंदगी का कोई भरोसा नहीं, यह कब तक हमारा साथ देगी? और ना जाने वक्त कब हमें मौका दे।

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