दीवाली के मौके पर कुमार विश्वास ने केजरीवाल को घेरते हुए ये कहा

कई सियासी पार्टियों के लिए ये दीवाली बेहद खास है, खासतौर से हरियाणा में दुष्यन्त चौटाला और उनकी पार्टी जेजेपी के लिए। जिस तरह से उनकी पार्टी को जनता का आशीर्वाद मिला है, वो दीवाली गिफ्ट से कम नहीं है। दूसरी ओर भाजपा ने शिवसेना के साथ मिलकर एक बार फिर से उम्दा प्रदर्शन किया है। दुष्यन्त चौटाला हरियाणा में किंग मेकर की भूमिका में नज़र आते दिख रहे है। इन सबके बीच मीडिया ने हरियाणा विधानसभा चुनाव परिणाम में एक पार्टी की ओर ध्यान ही नहीं दिया, वो है आम आदमी पार्टी। चुनावी ताल ठोंकने के लिए आप ने हरियाणा में अपने उम्मीदावर उतारे थे। लेकिन हरियाणा में आप का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। चुनाव आयोग के ताजा आंकड़ों की ओर गौर करे तो, हरियाणा विधानसभा चुनावों में नोटा का बटन दबाने वालों का प्रतिशत 0.54 रहा तो वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी को 0.43 फीसदी वोट मिले। कुल मिलाकर हरियाणा के लोगों ने आम आदमी पार्टी से ज्यादा वोट नोटा के दिये। इसी बात को लेकर केजरीवाल पर करारा तंज कसते हुए कुमार विश्वास ट्विटर पर लिखते है कि
ईमान और आंदोलन बेचकर 200करोड़ में 2 कांग्रेसी अजगर खरीदे,बेहयाई से बोले कि “साथियों की पीठ में छुरा घौंपकर हरियाणा चुनाव जीतने के लिए इन गुप्तादानियों के हाथों अपना स्वराज व आत्मा बेची है” पर आख़िर में नोटा तक से नीचे रहे😳
कहा था फिर कह रहा हूँ,काल का कूड़ेदान प्रतीक्षा में है👎 pic.twitter.com/RzeouaNyRs

— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) October 24, 2019

यहाँ पर कुमार विश्वास केजरीवाल पर 200 करोड़ रूपये लेकर राज्यसभा सीट बेचने का आरोप लगा रहे है। साथ ही उनका इशारा इस ओर भी है कि एन.डी.गुप्ता और सुशील गुप्ता की 200 करोड़ में राज्यसभा सीट बेचने के बाद इन्हीं पैसों से आम आदमी पार्टी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ा।

Haryana
AAP- 0.44%, NOTA- 0.55%

Maharashtra
AAP 0.05%, NOTA – 1.52%

कांग्रेस लोकसभा में दिल्ली में 26% वोट के साथ दूसरे नम्बर पर थी

AAP 16% के साथ तीसरे नम्बर पर
(एडवरटाइजिंग लोकसभा में भी AAP ने ऐसे ही की थी)

दिल्ली में BJP और कांग्रेस के बीच सीधा चुनाव संभव

— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) October 25, 2019

केजरीवाल के पुराने साथी और आप के बागी नेता कपिल मिश्रा ट्विटर पर लिखते है कि, हरियाणा में आप को 0.44 फीसदी और नोटा को 0.55 फीसदी। दूसरी ओर महाराष्ट्र में आम आदमी पार्टी को 0.05 प्रतिशत और नोटा को 1.52 फीसदी वोट पड़े। दिल्ली में कांग्रेस लोकसभा चुनावों में 26 प्रतिशत वोट हासिल करके दूसरे नंबर पर काबिज़ थी। भारी विज्ञापन प्रचार-प्रसार करने के बावजूद लोकसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी सिर्फ 16 फीसदी वोट हासिल कर तीसरे पायदान पर थी। इस तस्वीर को देखते हुए लग रहा है कि, आने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिलेगा।

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